चेहरा कुचल चुका था तभी हाथ में दिखा ओम… इस तरह हुई विजय की पहचान

चेहरा कुचल चुका था तभी हाथ में दिखा ओम… इस तरह हुई विजय की पहचान

भूकंप के बाद से विजय कुमार लापता बताए जा रहे थे. 5 दिनों तक उनकी तलाश की गई और फिर मलबे के बीच से उनका शव बरामद किया गया.

तुर्की में 6 फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में भारत के विजय कुमार की मौत हो गई. वह उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले थे और आधिकारिक काम से तुर्की गए ते. उनका शव उसी होटल के मलबे में मिला जिसमें वह ठहरे हुए थे. भूकंप के बाद से वो लापता बताए जा रहे थे और टीमें उनकी तलाश में जुटी थी. भूकंप के 5 दिन बाद होटल के मलबे में उनका शव दबा मिला जिसके बाद उनकी मौत की पुष्टी हुई.

जानकारी के मुताबिक उनकी तलाश में टीमों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. उनका चेहरा मलबे से कुचल गया था जिसकी वजह से उनकी पहचान कर पाना काफी मु्शकिल था. इसके बाद उनके हाथ पर बने ओम शब्द के टैटू से उनकी पहचान की गई. इससे पहले शुक्रवार को मालट्या के होटल के मलबे से उनके कपड़े मिले थे. इसके बाद मलबे के बीच से उनका शव निकाला गया. विजय कुमार गौड़ पौड़ी जिले के कोटद्वार के पदमपुर इलाके के रहने वाले थे. उनका एक 6 साल का बेटा भी है.

5 दिनों के तलाश अभियान के बाद मिली बुरी खबर

तुर्की में भूकंप के बाद से विजय कुमार का परिवार काफी डरा हुआ था. विजय की तलाश में सर्च ऑपरेशन पिछले 5 दिनों से जारी था लेकिन आखिरकार वहीं हुई जिसका परिवार को डर था. परिवार को विजय की मौत की खबर मिली. जानकारी के मुताबिक विजय का पार्थिव शरीर पहले इस्तांबुल ले जाया जाएगा और वहां से दिल्ली लाया जाएगा.

बता दें. विजय कुमार बेंगलुरु में गैस-प्लांट कंपनी ऑक्सीप्लांट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में टेक्नीशियन के तौर पर काम करते थे. वह 25 जनवरी को तुर्की गए थे मालट्या के अवसर होस्टल में रह रहे थे. उनके परिवार ने बताया था कि तुर्की जाने के बाद वह हर रोज अपने परिवार से फोन पर बात करते थे लेकिन भूकंप वाली रात उनका फोन नहीं आया और अगले दिन परिवार को भूकंप की जानकारी मिली. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को विजय कुमार के लापता होने की जानकारी देते हुए कहा था कि भूकंप के बाद एक भारतीय लापता है और 10 अन्य फंसे हुए हैं.