भारत को सपोर्ट के लिए बोला था थैंक यू, अब क्यों यूएस से प्रतिबंध की मांग कर रहा यूक्रेन
रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरा होने को है, रूस लगातार यूक्रेन पर बड़े हमले कर रहा है और यूक्रेन भी उनका जोरदार जवाब दे रहा है. इस बीच यूक्रेन के वरिष्ठ सांसद एलेक्जेंडर मेरेज्को ने यूएस से ये मांग कर दी है.
कभी सपोर्ट के लिए भारत को थैंक यू कहने वाले यूक्रेन के सुर अचानक बदलने लगे हैं, अब यूक्रेन यूएस से भारत पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है. युद्धग्रस्त देश के एक शीर्ष अधिकारी की ओर से इसकी मांग की गई है.
रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरा होने को है, रूस लगातार यूक्रेन पर बड़े हमले कर रहा है और यूक्रेन भी उनका जोरदार जवाब दे रहा है. इस बीच यूक्रेन के वरिष्ठ सांसद एलेक्जेंडर मेरेज्को ने संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत और पड़ोसी देश चीन पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाने की अपील की है.
यूक्रेन ने क्यों की प्रतिबंध की मांग
यूक्रेन के एलेक्जेंडर मेरेज्को ने यूएस से ये मांग करते हुए ये कहा है कि यदि भारत और चीन रूस से तेल खरीदना जारी रखते हैं तो दोनों देशों पर जल्द से जल्द प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए. यूक्रेन की संसद में विदेश मामलों की समिति के प्रमुख अधिकारी ने भी ताइवान के साथ अच्छे संबंधों की वकालत की है.
रूसी सैन्य मशीन के वित्त पोषण का आरोप
एलेक्जेंडर मेरेज्को ने भारत और चीन पर रूसी सैन्य मशीन के वित्त पोषण का आरोप लगाया है, मेरेज्को ने कहा है कि दोनों देशों पर प्रतिबंध लगना जरूरी इसलिए है, क्योंकि जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का अंत नजर नहीं आ रहा है, इसके बावजूद भारत और चीन रूस से तेल की खरीद कर उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और उसकी सैन्य मशीन का पोषण कर रहे हैं. ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पश्चिमी देशों ने रूस पर जो प्रतिबंध लगाए हैं, भारत उन्हें मान नहीं रहा है.
दिरहम में भुगतान कर रहीं तेल रिफाइनरी
रूस से तेल की खरीद के लिए भारतीय रिफाइनरीं रूस को दिरहम में भुगतान कर रही हैं, रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय रिफाइनरी संयुक्त अरब अमीरात की करेंसी दिरहम में भी रूसी तेल कंपनियों का भुगतान कर रही हैं.
बैंक और वित्तीय संस्थान इसको लेकर सतर्क हैं. दरअसल भारतीय रिफाइनरी और कंपनियां चिंतित हैं कि यदि रूस के तेल की कीमत सात देशों के समूह और ऑस्ट्रेलिया द्वारा लगाए गए कैंप से ज्यादा हो गई तो इसका भुगतान डॉलर में नहीं किया जा सकेगा. इसीलिए व्यापारी विकल्प तलाशने में जुटे हैं.
जेलेंस्की ने जताया था आभार
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पिछले अक्टूबर माह में ही पीएम मोदी की शांति की अपील पर भारत का आभार जताया था. इससे पहले पीएम मोदी ने जेलेंस्की से बात की थी और युद्ध के बीच संभावित परमाणु खतरे पर चिंता जताई थी, इसके बाद जेलेंस्की ने पीएम का आभार जताया था, लेकिन पुतिन से किसी भी बातचीत करने की संभावना से इन्कार कर दिया था.