स्पाई बैलून मामले के बाद अमेरिका को साइलेंट ट्रीटमेंट दे रहा चीन, नहीं उठा रहा फोन- रिपोर्ट
. चीनी रक्षा मंत्रालय अभी भी यह मानने से इनकार कर रहा है कि गुब्बारा अमेरिका की जासूसी कर रहा था.
अमेरिका ने हाल ही में चीन के स्पाई बैलून को मार गिराया था. इसके बाद से ही चीन अमेरिका को साइलेंट ट्रीटमेंट दे रहा है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बीजिंग को फोन किया था जिसका कोई जवाब नहीं दिया गया.अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने बीजिंग की अपनी यात्रा के दौरान चीन के साथ वार्ता की योजना बनाई थी. हालांकि, चीन की जासूसी गुब्बारों की घुसपैठ सार्वजनिक होने के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे, जब पेंटागन ने ऑस्टिन और उनके चीनी समकक्ष वेई फेंघे के बीच एक सुरक्षित कॉल करने के लिए कहा, तो चीन का जवाब था नहीं. चीनी रक्षा मंत्रालय अभी भी यह मानने से इनकार कर रहा है कि गुब्बारा अमेरिका की जासूसी कर रहा था. मंत्रालय ने कहा कि ऑस्टिन की कॉल का इसलिए कोई जवाब नहीं दिया गया क्योंकि अमेरिका ने बैलून को मारके “अंतर्राष्ट्रीय प्रैक्टीस का गंभीर रूप से उल्लंघन किया और एक बहुत खराब मिसाल कायम की”. यह बैलून एक “नागरिक मानव रहित हवाई जहाज” था जो साइंटिफिक रिसर्च के लिए भेजा गया था.
चीन ने जासूसी के दावे को किया था खारिज
बता दें, अमेरिका ने पिछले हफ्ते ही अटलांटिक महासागर में दक्षिण कैरोलाइना के तट के पास चीन के एक स्पाई बैलून को मार गिराया था, जिसने 30 जनवरी को अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था. पेंटागन ने कहा है कि ये गुब्बारा एक बड़े निगरानी कार्यक्रम का हिस्सा था जिसे चीन ‘कई सालों’ से चला रहा है.
चीन ने स्वीकार किया था कि यह गुब्बारा उसका था लेकिन उसने इस बात से इनकार किया कि इसका मकसद जासूसी करना था. चीन का कहना है कि इसका उद्देश्य मौसम संबंधी जानकारी जुटाना था.
इसके बाद अमेरिका ने शुक्रवार को पांच चीनी कंपनियों और एक अनुसंधान संस्थान को काली सूची में डालने की घोषणा करते हुए कहा कि ये इकाइयां बीजिंग के जासूसी संबंधी अंतरिक्ष कार्यक्रमों से जुड़ी हैं. चीन के जासूसी गुब्बारे के अमेरिका के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की घटना को लेकर इसे बदले की कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा था. इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने चीनी जासूसी गतिविधियों से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर कदम उठाने का संकल्प लिया था. इस कदम के बाद इन पांच चीनी कंपनियों और एक शोध संस्थान के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी हासिल करना अधिक कठिन हो सकता है.
(भाषा से इनपुट)