चारों तरफ खंडहर…आंखों में सूखे आंसू, कइयों को नया जीवन- तबाही में 34800 मौतें
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में 34800 लोगों की मौत हो गई है. रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से किया जा रहा है. मलबे में सैकड़ों लोगों के दबे होने की आशंका है.
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई है, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई. इमारतें खंडहर में बदल गईं. इन खंडहरों में अभी भी लोग दबे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. दुनिया के कई देश मदद में जुटे हुए हैं. रेस्क्यू के दौरान ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिन्हें देखकर आंखों से आंसू छलक रहे हैं. कई परिवार में कोई ऐसा भी नहीं बचा है जो दर्द बयां भी कर सके. सभी के सभी काल के मुंह में समा गए हैं.
इस जलजले में मरने वालों की संख्या 34,800 से अधिक हो गई है. ये आंकड़ा और बढ़ने की आंशका जताई जा रही है. भूकंप से हजारों इमारतों के ढह जाने के छह दिन बाद रविवार को बचावकर्ताओं ने एक गर्भवती महिला और दो छोटे बच्चों सहित कई लोगों को निकाला. तुर्की और सीरिया में बचाव अभियान अभी जारी है. मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने के लिए बचावकर्मी कड़ाके की ठंड में लगातार मशक्कत कर रहे हैं.
तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु की खबर के अनुसार तुर्की के न्याय मंत्री बेकिर बोजदाग ने कहा कि 134 लोगों की उन इमारतों के निर्माण में कथित जिम्मेदारी के लिए जांच की जा रही है जो भूकंप में ढह गई. 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 7 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इमारतों के ढहने के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.
तुर्की और सीरिया के लोगों को वीजा प्रतिबंधों में ढील
जर्मन सरकार तुर्की और सीरिया में भूकंप में बचे लोगों के लिए वीजा प्रतिबंधों में अस्थायी रूप से ढील देना चाहती है. जर्मन गृह मंत्री नैन्सी फ़ेजर ने ट्वीट किया, ‘हम संकट के समय मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं. हम जर्मनी में तुर्किये या सीरियाई परिवारों के लिए आपदा क्षेत्र से करीबी रिश्तेदारों को लाना संभव बनाना चाहते हैं.’ इस बीच, उत्तर पश्चिमी सीरिया के लिए सप्लाई के साथ संयुक्त राष्ट्र का एक काफिला तुर्की के माध्यम से पहुंचा, लेकिन एजेंसी के राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि उन लाखों लोगों के लिए और अधिक की चीजों की आवश्यकता थी जिनके घर नष्ट हो गए.
अंतरराष्ट्रीय मदद की तलाश है अभी भी सीरिया
ग्रिफिथ्स ने ट्विटर पर कहा, ‘हमने अब तक उत्तर पश्चिमी सीरिया में लोगों को निराश किया है. वे सही में खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं. अंतरराष्ट्रीय मदद की तलाश है जो अभी तक नहीं आई है.’ सीरिया में सप्लाई धीमी गति से पहुंच रही है, जहां सालों के संघर्ष ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को तबाह कर दिया है और देश के कुछ हिस्से विद्रोहियों के नियंत्रण में हैं, जो राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार से लड़ रहे हैं, जो पश्चिमी प्रतिबंधों के अधीन हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)