लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा तो वीजा नहीं! कंगाल PAK को UAE ने दिखाया आईना

लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा तो वीजा नहीं! कंगाल PAK को UAE ने दिखाया आईना

यूएई की सरकार ने साफ कर दिया है कि वो ऐसे पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा नहीं देना जा रही जो अपने बच्चों को शिक्षा से दूर घरों में रखे हुए हैं. कंगाल पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है.

कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने तगड़ा झटका दिया है. यूएई की सरकार ने साफ कर दिया है बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रहे पाकिस्तानियों के यूएई वीजा को फिर से रिन्यूअल नहीं किया जाएगा. यूएई की सरकार ने कहा है कि वो 18 साल से कम उम्र के पाकिस्तानियों के लिए वीजा प्राप्त करने के संबंध में अपने कानूनों को पूरी सख्ती के साथ लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.

कराची में यूएई के राजदूत अतीक अल रेमिथी ने सोमवार को इस मुद्दों को तब और हवा दे दी जब उन्होंने जियो न्यूज को दिए इंटरव्यू में बाल अधिकारों से संबंधित यूएई के 2016 के संघीय कानून की जिक्र करते हुए कहा कि वीजा को लेकर कड़े कदम उठाएं जाएंगे. राजदूत ने कहा कि यूएई का ये कानून बच्चों के शिक्षा के अधिकार को परिभाषित करते हैं.

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राजदूत बोले- सख्ती से लागू हो कानून

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों को घर बैठाकर शिक्षा के अधिकार से वंचित कर रहे हैं. राजदूत ने कहा कि इस संबंध में सरकार ने कड़े फैसले लिए हैं और पहले कई बार मीटिंग भी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि यूएई में रहने वाले परिवारों के बच्चों के अधिकारों से संबंधित इस नियम को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए.

बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह

यूएई के राजदूत ने कहा कि बच्चों की शिक्षा बेहद जरूरी है. ऐसे में यूएई की सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है जो बच्चों की रक्षा करने वाले कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वदीमा कानून पाकिस्तानियों के लिए है जिनके पास यूएई का वर्क या फिर रेसिडेंस वीजा है.

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अल-रेमेथी ने संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे प्रवासी पाकिस्तानी माता-पिता से अपने बच्चों की शिक्षा को सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी बताया कि यूएई में पाकिस्तानियों की आबादी करीब 16-17 मिलियन है.