आतंकियों पर एयर स्ट्राइक और यूक्रेन की मदद जैसे 5 फैसलों से दुनिया में 20 साबित हुए जो बाइडेन
रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका ने यूक्रेन को पूरा समर्थन दिया. आर्थिक सहायता के साथ-साथ उसने सैन्य सहायता भी की. उसने रूस पर कई अन्य तरह के प्रतिबंध भी लगाए.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का रुख इस पूरे साल कुछ बदला-बदला नजर आया. एक तरफ जहां उन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंध की कूटनीति से पूरी दुनिया को चौंकाया. वहीं, अल कायदा सरगना अयमन अल-जवाहिरी जैसे आतंकियों को मौत के घाट उतारकर आतंकवाद पर दुनिया को सख्त संदेश दिया. रूस जैसे शक्तिशाली देश के खिलाफ सख्त रुख अपनाकर यूक्रेन को हर संभव मदद का देकर उन्होंने अपनी अलग छवि पेश की.
2022 में जो बाइडेन ने ऐसे कई ऐहितासिक कदम उठाए जिसे पूरी दुनिया ने सराहा. डोनाल्ड ट्रंप को बरसों तक झेलने के बाद अमेरिका को ऐसा राष्ट्रपति मिला. बाइडेन ने अपने साहसिक फैसलों से पूरी दुनिया में अपनी एक मजबूत छवि पेश की.
1). यूक्रेन को हर संभव मदद
रूस यूक्रेन युद्ध फरवरी के अंतिम हफ्ते में शुरू हुआ था, जो अभी भी जारी है. इस युद्ध में यूक्रेन को अमेरिका ने पूरा समर्थन दिया. आर्थिक सहायता के साथ-साथ उसने सैन्य सहायता भी की. उसने रूस के 14 हस्तियों और 28 संस्थानों समेत कई अन्य तरह के प्रतिबंध भी लगाए. रूस और अमेरिका की तल्खी तो जग जाहिर है लेकिन यूएस की ओर से इतना सख्त रुख पहली बार अपनाया गया.
अमेरिका ने रूस के खिलाफ यूक्रेन को युद्धक ड्रोन और अन्य हथियार के साथ ही HIMARS यानी M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम भी दिया. जिसे दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक माना जाता है. वहीं कई वैश्विक मंचों पर भी जो बाइडेन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कड़ी चेतावनी दे चुके हैं.
2). आतंकियों पर एयर स्ट्राइक
जो बाइडेन के इशारे पर हाल ही में अल कायदा सरगना अयमन अल-जवाहिरी को मौत के घाट उतार दिया गया. बाइडेन ने गर्व के साथ ट्वीट किया, ‘मेरे निर्देश पर अमेरिका ने काबुल में एयर स्ट्राइक की और अलकायदा के प्रमुख जवाहिरी को मार गिराया. मैंने अमेरिका के लोगों से वादा किया था कि हम आतंकियों को कहीं से भी ढूंढकर निकालेंगे और मार गिराएंगे.’
3). ताइवान की सुरक्षा
इसी साल अगस्त महीने में अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद अमेरिका और चीन आमने-सामने आ गए थे. दरअसल, चीन ने इस दौरे का विरोध किया था और पेलोसी को ताइवान न जाने की हिदायत दी थी. वहीं, चीन की चेतावनी को दरकिनार कर नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरे ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पेलोसी को खुला समर्थन दिया था. उन्होंने यह भी कहा था कि ताइवान के पास स्वायत्ता का पूरा अधिकार है और अमेरिका उसकी रक्षा के लिए प्रतिबंध है. 2022 में ऐसे कई मौके आए जब दुनिया के दो सुपर पावर चीन और अमेरिका आमने-सामने आए.
4). सऊदी अरब पर भी सख्त रुख
जो बाइडेन ने इस साल जुलाई में सऊदी अरब का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलमान के साथ बैठक भी की थी. बाइडेन ने इस मुलाकात के बाद कहा था कि उन्होंने पत्रकार जमाल खशोगी की मौत को लेकर सऊदी प्रिंस से बात की और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार भी ठहराया. हालांकि उन्होंने किसी तरह की कार्रवाई की बात नहीं की.
5). महिलाओं को गर्भपात का अधिकार
अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने जब इसी साल जून महीने में महिलाओं को मर्जी से गर्भपात का अधिकार देने के एक फैसले को पलट दिया तब जो बाइडेन का बड़ा बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था कि वह अबॉर्शन के अधिकारों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दुखद करार दिया था.