रूस की मदद का खामियाजा भुगतेगा चीन? EU ने फिर लगाए मॉस्को पर कड़े प्रतिबंध

रूस की मदद का खामियाजा भुगतेगा चीन? EU ने फिर लगाए मॉस्को पर कड़े प्रतिबंध

रूस ने पिछले साल 24 फरवरी को युक्रन पर हमला बोला था. हमले की वजह से रूस और यूक्रेन दोनों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. अब लड़ाई के एक साल पूरे होने पर यूरोपीय संघ ने रूस पर नए प्रतिबंधों पर सहमति व्यक्त कर दी है.

रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के एक साल पूरे हो गए हैं. युद्ध की शुरुआत करने वाले रूसी राष्ट्रपति पुतिन पीछे हटने को तैयार नहीं है. इस बीच यूरोपीय संघ ने शुक्रवार को रूस पर नए प्रतिबंधों पर अपनी हामी भर दी है. लड़ाई के एक साल पूरे होने पर संघ की एक बैठक हुई जिसमें रूस के खिलाफ नए दौर के प्रतिबंधों पर सहमति व्यक्त की गई.

यूरोपीय संघ की ओर से रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का यह 10वां पैकेज है. नए प्रतिबंधों के मुताबिक, युद्ध का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कदन उठाए जाएंगे. इसके साथ-साथ यूक्रेन की सैन्य मदद करने की भी बात कही गई. यूरोपीय संघ की ओर से अभी तक जो प्रतिबंध लगाए गए हैं उसकी वजह से रूस का बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है.

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अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का समर्थन करने को लेकर चीन को चेतावनी दी थी. ब्लिंकन ने कहा था कि इससे अमेरिका साथ चीन के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर देखने को मिल सकता है. ब्लिंकन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सीनियर विदेश नीति अधिकारी के बीच 18 फरवरी को करीब एक घंटे तक बातचीत हुई थी.

दूसरी ओर रूस-यूक्रेन युद्ध का एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को अमेरिका ने रूसी बैंकों, कंपनियों और नागरिकों पर नए प्रतिबंध लगाए. अमेरिकी वित्त विभाग की अब तक की सबसे महत्वपूर्ण प्रतिबंध कार्रवाई में रूस के धातु और खनन क्षेत्र को भी टारगेट किया गया है.

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जी-7 सहयोगी देशों के समन्वय के साथ लिए गए इस फैसले का मकसद 250 लोगों और कंपनियों, शस्त्र डीलरों पर कार्रवाई के साथ ही बैंकों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना है. वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने एक बयान में कहा, हमारे प्रतिबंधों का अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रभाव पड़ा है, जिसके चलते रूस को अपने हथियारों की खेप और अलग-थलग पड़ी अर्थव्यवस्था में भरपाई के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

(इनपुट-भाषा)