शव और कब्र के लिए प्रार्थना कर रहे लोग, 12 दिन बाद टूटी आस… 46000 से ज्यादा की मौत

शव और कब्र के लिए प्रार्थना कर रहे लोग, 12 दिन बाद टूटी आस… 46000 से ज्यादा की मौत

तुर्की और सीरिया में 12 दिन पहले आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से अब तक 46000 लोगों की मौत हो चुकी है. मलबों से अब भी शव निकाले जा रहे हैं, इसलिए मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.

तुर्की और सीरिया में 12 दिन पहले आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हजार के पार पहुंच गई है. तुर्की में सबसे ज्यादा 40 हजार तो वहीं सीरिया में अबतक 6000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भूकंप के 12 दिन बाद अब लोगों को बचने की आस टूटने लगी है. हालात ऐसे हैं कि तुर्की में अब लोग अपने लापता परिजनों के शव की तलाश कर रहे हैं और भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि कम से कम हमारे अपनों के शव मिल जाएं और फिर एक कब्र मिल जाए ताकि हम उनका अंतिम संस्कार कर सके.

तुर्की में बुलडोजर ऑपरेटर अकिन बोजकर्ट कहते हैं कि अब हम मलबों से सिर्फ शव ढूंढ रहे हैं. वह कहते हैं, ”क्या आप एक मृत शरीर खोजने के लिए प्रार्थना करेंगे? हम पीड़ित परिवारों को शव देने के लिए प्रार्थना करते हैं.” बोजकर्ट ने कहा कि हम दिन रात मलबों से शव बरामद कर रहे हैं. पीड़ित परिवार इस उम्मीद में बैठे हैं कि शव और कब्र मिले तो हम सम्मान के साथ अपनों को आखिरी विदाई दें. हम उनके जीवन के सबसे दुखद क्षण से खुशी खोजने की कोशिश कर रहे हैं.

कब्रिस्तानों में शव दफनाने के लिए जगह नहीं

इस्लाम में शवों को जल्द दफनाने की परंपरा है. तुर्की में तबाही का मंजर इतना डरावना है कि शहरों में कब्रिस्तानों में शव दफनाने के लिए जगह कम पड़ गई है. भूकंप से मरने वालों की संख्या अभी और भी बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि मलबों से अभी भी शव बाहर निकल रहे हैं.

कल बाहर निकाले गए तीन जिंदा लोग

बता दें कि दक्षिणी तुर्की में भूकंप के 296 घंटे बाद शनिवार को तीन लोगों को मलबे से बचाया गया. समाचार एजेंसी अनादोलु की खबर के अनुसार किर्गिस्तान के एक विदेशी खोजी दल ने 49 साल के समीर मोहम्मद अक्कार, उनकी 40 साल की पत्नी रागड़ा अक्कार और उनके 12 साल के बेटे को दक्षिणी तुर्किये के अंताक्य शहर में एक इमारत के मलबे से निकाला. खबर के अनुसार इन लोगों को अस्पताल ले जाया गया, हालांकि बाद में बच्चे की मौत हो गई.