साउथ कोरिया के आरोपों पर बोला नॉर्थ कोरिया- हां, हमने दागी मिसाइल
उत्तर कोरिया ने कहा था कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका इस साल 20 सैन्य अभ्यास करने की योजना बना रहे हैं जिसमें बड़े पैमाने पर थलसेना का सैन्य अभ्यास शामिल है. ये हमारे देश के लिए खतरा है.
चलिए, एक पहेली बूझिए? विश्व का एक देश ऐसा है जिसका नेता कोई भी वैश्विक कानून नहीं मानता. जब मन करता है बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण करता है. कोई और देश जब रोकता है तो उलटा उसको धमका देता है. कह देता है कि तुमको मिनटों में खत्म कर देंगे. एक और हिंट देते हैं. बीते कुछ महीनों में वो कई बार अपनी बेटी के सामने नजर आ चुका है. हां, आपके दिल में बिल्कुल सही तस्वीर उभरी है. नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन ने एक दिन पहले फिर लंबी दूसी की मिसाइल का परीक्षण किया. दक्षिण कोरिया आर्मी ने कहा कि उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी की ICBM मिसाइल अपनी राजधानी से समुद्र में दागी है.
दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ सैन्य अभ्यास की घोषणा की थी. उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई धमकी के एक दिन बाद यह संदिग्ध मिसाइल दागी गई है. ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने सियोल में बताया कि बैलिस्टिक मिसाइल स्थानीय समयानुसार अपराह्न पांच बजकर 22 मिनट पर सुनान इलाके से दागी गई जो प्योंगयांग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक है. उन्होंने कहा कि तत्काल नहीं बताया जा सकता कि मिसाइल कहां गिरी. जापान के उप रक्षामंत्री तोशिरो इनो ने कहा कि मिसाइल के जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में ओशिमा द्वीप के पश्चिम तटी से करीब 200 किलोमीटर दूर गिरने की आशंका है. ओशिमा होक्काइदो मुख्य द्वीप के उत्तर में स्थित है.
हमारे लिए बड़ा खतरा
उत्तर कोरिया ने कहा है कि साउथ कोरिया और अमेरिका की जॉइंट एक्सरसाइज उसके लिए खतरा है और इसीलिए उसने आश्चर्यजनक आईसीबीएम लॉन्चिंग ड्रिल की. यानी की उसने मान लिया है कि ये मिसाइल टेस्ट उसी ने किया. नॉर्थ कोरिया ने कहा कि हम इसे देश के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं. हम इसके लिए खुद को तैयार कर रहे हैं. उत्तर कोरिया ने एक नए प्रकार का ICBM Hwasongpho-17 लॉन्च किया.
1 जनवरी के बाद पहला परीक्षण
गौरतलब है कि एक जनवरी के बाद यह उत्तर कोरिया द्वारा पहला ज्ञात मिसाइल परीक्षण है. एक जनवरी को उसने कम दूरी की मिसाइल दागी थी. पिछले सप्ताह प्योंगयांग में सैन्य परेड आयोजित की गई जिसमें एक दर्जन से अधिक अंतर महाद्वीपीय मिसाइलों को प्रदर्शित किया गया. उत्तर कोरिया ने एक बयान जारी कर कहा था कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका इस साल 20 सैन्य अभ्यास करने की योजना बना रहे हैं जिसमें बड़े पैमाने पर थलसेना का सैन्य अभ्यास शामिल है. प्योंगयांग ने प्रतद्वंद्वियों को अपराधी करार देते हुए आरोप लगाया था कि वे जानबूझकर क्षेत्र की शांति और स्थिरता भंग कर रहे हैं.
अमेरिका तक है मारक क्षमता
दक्षिण कोरिया और जापान की सेनाओं के मुताबिक मिसाइल उच्च कोण से दागी गई ताकि पड़ोसी देशों के इलाकों में इसके जाने से बचा जा सके. उन्होंने बताया कि मिसाइल ने अधिकतम 5,700 किलोमीटर की ऊंचाई से गुजरते हुए करीब 900 किलोमीटर की दूरी तय की. इसी तरह की जानकारी नवंबर में तब मिली थी जब उत्तर कोरिया ने हवासॉन्ग-17 अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था. साइंटिस्टों का कहना है कि अगर यह मिसाइल समान्य ऊंचाई से रास्ता तय करे तो अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंच सकती है.
जापान में मची हलचल
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि तोक्यो परीक्षण को लेकर वाशिंगटन और सियोल से संवाद कर रहा है. उन्होंने उत्तर कोरिया के परीक्षण को हिंसा की कार्रवाई बताया जो अंतरराष्ट्रीय क्रम को उकसाएगा. गौरतलब है कि एक जनवरी के बाद यह उत्तर कोरिया द्वारा पहला ज्ञात मिसाइल परीक्षण है. एक जनवरी को उसने कम दूरी की मिसाइल दागी थी. पिछले सप्ताह प्योंगयांग में सैन्य परेड आयोजित की गई जिसमें एक दर्शन से अधिक अंतर महाद्वीपीय मिसाइलों को प्रदर्शित किया गया.