Explained: दोहरा रहा 1970 का इतिहास? टुकड़ों में बिखरेगा पाकिस्तान

Explained: दोहरा रहा 1970 का इतिहास? टुकड़ों में बिखरेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान की हालत बेहद खराब हो चुकी है. आतंकी हमलों से देश हर रोज दहल रहा है. आम लोगों के लिए खाने-पीने की चीजे नही है. सरकार कर्ज में डूबी है. इस्लामिक देशों ने मुंह मोड़ लिया है. नीचे पढ़िए कैसे पाकिस्तान धीरे-धीरे 1970 की तरफ मुड़ता जा रहा है.

वो साल था 1970 और ये है 2023. आज से 53 साल पहले तारीख थी 11 नवंबर. प्रकृति इस कदर रूठी थी पूरा देश ही तबाह कर दिया. हम जिक्र कर रहे हैं पाकिस्तान में आए भोला साइक्लोन की. आगे ये भी बताएंगे की आज क्या ऐसी आवश्यकता पड़ गई जो इसको याद करना पड़ गया. दरअसल, इसी चक्रवाती तूफान ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बंटवा दिया था. आप सोच रहें होंगे कि ऐसा कैसे हुआ? सवाल वाजिब है, इसका उत्तर भी आपको नीचे मिल जाएगा. लेकिन उससे भी जरूरी आपके लिए ये है कि पाकिस्तान के साथ वही सब दोहराया जा रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान टूटकर बिखरने की कगार पर खड़ा होगा.

बीते साल जून में पाकिस्तान में भीषण बाढ़ आई. 14 जून को मॉनसून की बारिश शुरू हुई मगर इसके बाद जल्द ही ये तबाही में बदल गई. हजारों लोगों की मौत हो गई और करीब तीन करोड़ लोग इससे प्रभावित हुए. पाकिस्तान का 75 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया था. यूएन की रिपोर्ट सितंबर में आई, जिसमें कहा गया था कि पानी उतरते-उतरते छह महीने लग जाएंगे. पाकिस्तान की हालात यहीं से बिगड़ना शुरू हुआ. भीषण बाढ़ के बाद एग्रीकल्चर सेक्टर पूरी तरह से तबाह हो गया. विश्व के कई देशों ने मदद दी. फिलहाल पाक अभी भी बाढ़ से पूरी तरह उबर नहीं पा रहा.

India Pakistan War 1971

क्यों ऐसा कहा जा रहा है?

पूर्वी पाकिस्तान (अभी बांग्लादेश) में सेना की दमनकारी नीति चरम पर थी. यहां पर सुरक्षाबल नंगा नाच कर रहे थे. लड़कियों का रेप होने लगा. इसके खिलाफ भूमिका तैयार हो रही थी. विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो चुके थे. 8 नवंबर 1970 को भोला चक्रवात (Bhola Cyclone) बंगाल की खाड़ी में बनना शुरू हुआ. 12-13 नवंबर को बांग्लादेश के तटीय क्षेत्र से टकराया. इसके बाद हर तरफ सैलाब और तबाही का मंजर. ये वो वक्त था जब एक महीने बाद ही देश में आम चु्नाव होने वाला था. साइक्लोन ने तबाही मचाई और इसके बाद पाकिस्तान सैन्य शासन के खिलाफ जबरदस्त विरोध शुरू हो गया. क्योंकि यहां पर सरकार ने कोई मदद नहीं पहुंचाई. लाशों के ढेर के बीच लोग जिंदगी जीने को मजबूर थे. इसी चक्रवात के बाद शेख मुजीबुर्रहमान की आवामी लीग के दिसंबर 1971 के आम चुनाव में प्रचंड जीत मिली.

Sohagpur Masscare 1971

13 महीने बाद ही टूट गया पाकिस्तान

इसी के 13 महीने बाद ही पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए. पूर्वी पाकिस्तान टूट गया और उससे नया देश बना बांग्लादेश. तत्कालीन भारत की पीएम इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को ऑर्डर दिया और आर्मी, एयरफोर्स ने पाकिस्तान को छलनी कर दिया. पाकिस्तान उस दर्द को शायद ही कभी भूल पाएगा. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस के मॉडर्न एशियन स्टडीज जर्नल में सितंबर 2020 को एक रिपोर्ट छपी थी. इसमें कहा जाता है कि चक्रवात ने पूर्वी पाकिस्तान को अलग करने की मांग को और तेज किया. इसे द ग्रेट भोला कहा जाता है.

गुलाम मोहम्मद कासिर ने इन सैलाब के लिखा था… हुक सी दिल में उठी रात के सन्नाटे में और फिर दर्द लहरों में कहीं डूब गया आसमान जिस पे फ़िदा था वो ज़मीन डूब गई

1970 जैसे हालात फिर बन रहे हैं

आज फिर वैसे ही कुछ हालात पनप रहे हैं. पाकिस्तान में एक तरफ तो बाढ़ दूसरी ओर आतंकी हमले तेज हो गए हैं. पहले पेशावर फिर कराची. ये दोनों शहर पाकिस्तान के सबसे टॉप शहर हैं. कराची तो पाकिस्तान का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है. इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी टीटीपी ने ली है. पेशावर में तो नमाज के वक्त मस्जिद में ही आत्मघाती हमला हुआ. इसके अलावा बीते तकरीबन छह महीने में आतंकी घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. गिलगिट-बालटिस्तान में विद्रोह तेज हो गया है. पीओके में पहले से ही सरकार के खिलाफ असंतोष है और वो लोग पाकिस्तान से अलग होने की बाद कर रहे हैं. टीटीपी ने पाकिस्तान को बुरी तरह घेर लिया है. अब चाहकर भी पाकिस्तान इससे निजात नहीं पा सकता. क्योंकि पाकिस्तान ने ही इसे पैदा किया फिर बढ़ाया.

Bangladesh 1971 India Pakistan War 6

पाकिस्तान की खराब आर्थिक हालत

पाकिस्तान के आर्थिक हालात ये हैं कि आईएमएफ भी कर्ज नहीं दे रहा. इस्लामिक देशों ने मुंह फेर लिया है. महंगाई की खबरें आप लोगों ने पढ़ी ही होगी. देश में ऊर्जा संकट है. ईंधन के दामों में बेशुमार तेजी आई है. दूध, चिकन, बिस्किट, खाने वाला तेल, गैस, सब कुछ लगभग पांच गुना महंगा हो गया है. आम आदमी सड़कों पर है. वो सरकार से मांग कर रहा है कि उनकी मदद करे मगर सरकार करे तो क्या करे. उसके बस में कुछ है नहीं. क्योंकि ये देश अब कंगाल होने की कगार पर है. गृहयुद्ध जैसे हालात पनप रहे हैं. ऐसे में लग रहा है कि पाकिस्तान फिर टूटेगा.

अब तक का सबसे भयंकर चक्रवात

1970 का भोला चक्रवात एक विनाशकारी उष्णकटिबंधीय चक्रवात था. आज से 53 साल पहले 11 नवंबर, 1970 को भारत के पश्चिम बंगाल के साथ-साथ तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान और वर्तमान बांग्लादेश से टकराया था. यह अब तक दर्ज सबसे घातक उष्णकटिबंधीय चक्रवात और प्राकृतिक आपदा बनी हुई है. इस तूफान में कम से कम 5,00,000 लोगों ने अपनी जान गंवाई. मुख्य रूप से तूफान के कारण गंगा डेल्टा के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई. यह 1970 के उत्तरी हिंद महासागर चक्रवात के मौसम का छठा चक्रवाती तूफान था. तूफान 10 नवंबर को 185 किमी प्रति घंटे की हवाओं के साथ अपने चरम पर पहुंच गया और अगली दोपहर को बांग्लादेश के तट पर पहुंच गया. कई अपतटीय द्वीप तबाह हो गए। गांवों का सफाया हो गया और फसलें नष्ट हो गईं. सबसे गंभीर रूप से प्रभावित उपजिला, तजुमुद्दीन में, 1,67,000 की आबादी में से 45% से अधिक की मृत्यु हो गई थी.