भारत की तैयारियों से बौखलाया ड्रैगन, अक्साई चीन के लिए बनाया यह ‘खतरनाक’ प्लान

भारत की तैयारियों से बौखलाया ड्रैगन, अक्साई चीन के लिए बनाया यह ‘खतरनाक’ प्लान

चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. भारत के साथ गतिरोध के बीच चीन ने बॉर्डर इलाके में अपने रेलवे नेटवर्क को 4000 किलोमीटर तक बढ़ाने का फैसला किया है.

भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी गतिरोध के बीच चीन ने बॉर्डर इलाके में अपने रेलवे नेटवर्क को 2025 तक 4000 किलोमीटर तक बढ़ाने का फैसला किया है. चीन की ओर से रेलवे नेटवर्क का विस्तार अक्साई चीन इलाके में किया जाएगा. अक्साई चीन वो इलाका है जिसे लेकर भारत और चीन के बीच 1950 के दशक से ही विवाद चल रहा है. भारत इस क्षेत्र को अपना मानता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बॉर्डर से सटे इलाके में चीन की ओर से किए जा रहे हर विकासकार्य पर भारत की भी पैनी नजर बनी हुई है. माना जा रहा है कि चीन रेलवे नेटवर्क के जरिए अपनी सेना के पूर्व से पश्चिम में होने वाली मूवमेंट को और आसान बनाना चाह रहा है. इसके अलावा चीन तिब्बत में भी अपने मौजूदा रेल नेटवर्क 1,359 किलोमीटर के दायरे को बढ़ाने पर विचार कर रहा है.

2025 तक पूरा होगा पहला चरण

चीन की सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के रेलवे लाइन का पहला चरण 2025 तक पूरा होगा जो कि शिआगात्से से लेकर पखूक्त्सो तक जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लान के मुताबिक, सिचुआन-तिब्बत रेलवे के यान-न्यिंगची सेक्शन, झिंजियांग-तिब्बत रेलवे के शिगात्से-पखुक्त्सो सेक्शन और झिंजियांग-तिब्बत रेलवे के शिगात्से-पखुक्त्सो सेक्शन सहित कई रेलवे परियोजनाओं का निर्माण होगा.

55 काउंटी और जिलों को जोड़ने का प्लान

चीन की सरकारी मीडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, 14वें पंचवर्षीय योजना (2021-2025) में 55 काउंटी और जिलों को जोड़ा जाएगा. प्लान के अनुसार 2035 तक 1000 किलोमीटर और रेलवे लाइन का विस्तार किया जाएगा. रेलवे नेटवर्क के विस्तार को लेकर चीन इसलिए भी गंभीर है क्योंकि वो अपने रसद क्षमता में विकास के साथ-साथ मजबूती देना चाहता है.

चीन की रणनीति का जवाब देने में भारत भी पीछे नहीं है. भारत ने भी चीन सीमा के पास अपने रणनीतिक रेलवे लाइन बनाने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है. सीमाई क्षेत्र में भारत की ओर से कुल चार प्रस्तावित रेलवे लाइन है जिनका विस्तार किया जाना है. इनमें से तीन पूर्वोत्तर में हैं और एक उत्तर में. कुल लाइनों को मिला दें तो इनकी लंबाई करीब 1,352 किलोमीटर लंबी हैं.