अफगानिस्तान के फैजाबाद में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.1

अफगानिस्तान के फैजाबाद में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.1

इससे पहले अफगानिस्तान में मंगलवार-बुधवार देर रात भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई थी.

अफगानिस्तान के फैजाबाद में बुधवार-गुरुवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई. इस भूकंप के कारण फिलहाल कोई नुकसान की खबर नहीं है. यह भूकंप अफगानिस्तान के फैजाबाद से 267 किमी उत्तर पूर्व में 2.35 बजे आया था. भूकंप का केंद्र 245 किलोमीटर की गहराई में था.

वहीं इससे पहले अफगानिस्तान में मंगलवार-बुधवार देर रात भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई थी. वहीं 26 फरवरी को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई थी. यह भूकंप अफगानिस्तान के फैजाबाद से 273 किमी उत्तर पूर्व में 2.14 बजे आया था. भूकंप का केंद्र 180 किलोमीटर की गहराई में था.

अफगानिस्तान के फैजाबाद में ही 26 फरवरी से पहले भी भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे. भूकंप की तीव्रता 6.8 रही थी. भूकंप सुबह 6.07 बजे आया था. इसका केंद्र फैजाबाद से 265 किलोमीटर दूर था.

भूकंप आने का कारण?

धरती के अंदर हमेशा उथल-पुथल मची रहती है. धरती के अंदर मौजूद प्लेटें आपस में टकराती रहती हैं जिसके चलते हर साल भूकंप आते हैं. हमारी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इन प्लेटों के टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे भूकंप कहा जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं.

भूकंप आने पर कैसे बचें?

सबसे पहले भूकंप आने की स्थिति में खुद को शांत करें और घबराएं नहीं. जल्द आस-पास मौजूद टेबल के नीचे जाएं और अपने सिर को ढक लें. भूकंप के दौरान अगर गाड़ी के अंदर हैं तो गाड़ी तुरंत रोक दें और झटके रुकने तक अंदर ही बैठे रहें. बाहर निकलते समय लिफ्ट का इस्तेमाल न करें और बाहर आने के बाद पेड़, दीवार और खंभों से दूर रहें. जब तक भूकंप के झटके ना रुकें, टेबल के नीचे ही रहें. भूकंप के झटके रुक जाएं, वैसे ही तुरंत घर, ऑफिस या कमरे से बाहर निकल जाएं.