ठग ने मारा ऐसा मुक्का कि पिचक गया सिर… डॉक्टर्स भी खो चुके थे उम्मीद, फिर ऐसे बची जान

ठग ने मारा ऐसा मुक्का कि पिचक गया सिर… डॉक्टर्स भी खो चुके थे उम्मीद, फिर ऐसे बची जान

इंग्लैंड की घटना ने सबको चौंका कर रख दिया है. ऐसा नहीं है कि अपराध और अपराधियों का बोलबाला सिर्फ भारत के ही शहरों में है. नजर उठाकर देखिए तो विदेशों में शायद भारत से भी ज्यादा खूंखार ऐसे ठग मौजूद हैं.

इंग्लैड: खतरनाक ठग-बदमाश सिर्फ भारत के गांव और शहरों में ही नहीं पल-बढ़ रहे हैं. नजर उठाकर तलाशेंगे तो भारत से भी ज्यादा खतरनाक अपराधी, विदेशों में मौजूद मिल जाएंगे. ऐसे अपराधी जो निहत्थे ही हमला बोलकर किसी भी इंसान को आजीवन विकलांग बना डालने की कुव्वत रखते हैं. इसका नमूना हैं 27 साल के युवा और ठग के हमले के पीड़ित ब्रैडन स्ट्रोमबर्ग (Braden Stromberg). वे इंग्लैंड के मूल निवासी हैं.

इंग्लैड के डर्बीशायर (Derbyshire) स्थित बोल्सओवर (Bolsover) इलाके में, ब्रेडन के ऊपर तब सर-ए-राह हमला कर दिया गया, जब वे गर्लफ्रेंड के साथ दुकान पर सामान लेने जा रहे थे. बदमाश ने पीछे से उनके सिर पर ऐसा पंच मारा कि, ब्रैडन स्ट्रोमबर्ग बेहोश होकर जमीन पर गिर गए. हमलावर मौके से भागने में कामयाब रहा. गर्लफ्रेंड ने शोर मचाया तो आसपास मौजूद लोग, बेहोशी की हालत में पहुंच चुके ब्रैडन स्ट्रोमबर्ग को अस्पताल ले गए. अस्पताल में पहुंचते-पहुंचते वो कोमा में जा चुका था.

डॉक्टरों को काटना पड़ा सिर का हिस्सा

डॉक्टरों ने उसके बचने की संभावनाओं से इनकार कर दिया था. उसके बाद भी अस्पताल में उसका 3 घंटे तक ऑपरेशन किया गया. इस उम्मीद में कि बदमाश के जोरदार पंच से पिचक चुके उसके क्षतिग्रस्त हिस्से को काटकर, पीड़ित की जान शायद बचा ली जाए. 15 दिन तक कोमा में रहने के बाद पीड़िता की जान तो बच गई, मगर वो पूरी उम्र के लिए अपाहिज हो गया. उसकी एक आंख ने काम करना बंद कर दिया. जबकि दूसरी आंख की ताकत भी बहुत कम हो गई. बदमाश के पंच से क्षतिगस्त सिर के एक हिस्से को डॉक्टरों ने काट दिया था जिससे पीड़ित ब्रैडन स्ट्रोमबर्ग की जान तो बच गई, मगर वो हमेशा के लिए अपाहिज हो चुका है.

ब्रैडन के सिर का एक हिस्सा काटकर हटा देने वाले डॉक्टरों के मुताबिक, ब्रैडन के सिर पर हमलावर ने इस कदर का खतरनाक मुक्का मारा था कि, चोट से उसके सिर का एक हिस्सा अंदर तक पिचक गया. जब मरीज को अस्पताल ले जाया गया तो वहां उसकी गंभीर हालत देखकर, डॉक्टरों ने भी उसके जिंदा बचने की उम्मीद छोड़ दी थी. डॉक्टरों को लग रहा था कि अगर ऑपरेशन करके जान बचा भी ली गई तो, ब्रैडन हमेशा के लिए मानसिक-शारीरिक रूप से कमजोर (अक्षम) हो चुका होगा. उसकी जिंदगी जीते जी नरक बन जाएगी. हुआ भी वही जिसकी आशंका डॉक्टर्स को शुरू से थी.

डॉक्टरों ने हिदायत दी है कि, क्षतिग्रस्त हिस्से पर अब अगर जरा भी दवाब पड़ा तो, ब्रैडन की जान जा सकती है. लिहाजा पीड़ित अब अपनी जिंदगी सुरक्षित रखने के लिए, घर से बाहर निकलते वक्त सिर पर हैलमेट पहनकर ही निकलता है. साल 2022 के मई महीने में हुए उस हमले की घटना को याद कर युवा ब्रैडन आज भी सिहर उठता है. वो अक्सर खुद से सवाल करता है कि आखिर उसका कसूर क्या था कि, जिसकी वजह से ठग ने ठगी की घटना को अंजाम दिए बिना ही उसकी जिंदगी जीते-जी नरक कर डाली.

डॉक्टरों को नहीं थी कोई उम्मीद

ब्रैडन के ऊपर उस खूनी हमले में बाद में डर्बीशायर पुलिस ने काइल स्टीफेंसन को गिरफ्तार कर लिया. जांच में पता चला कि ब्रैडन और उसकी गर्लफ्रैंड का पीछा, हमलावर काफी दूर से कर रहा था. जैसे ही उसे मौका मिला उसने पीछे से ब्रैडन के सिर पर जोरदार मुक्का मारकर उसे बेहोश कर दिया. ब्रैडन का ऑपरेशन करके उसकी जिंदगी बचा लेने वाले डॉक्टरों की टीम भी हैरत में है कि आखिर, वे किसी उस इंसान की जिंदगी को बचा कैसे सके, जिसके बचने की कोई उम्मीद तो थी ही नहीं. मैन्सफील्ड निवासी ब्रैडेन कहते हैं कि 15 दिन कोमा में रहने के बाद जब, उनकी जिंदगी बच गई तो डॉक्टरों का उनसे पहला सवाल था कि,”आप कितने भाग्यशाली हैं. जो आप कोमा में जाने के बाद भी लकवाग्रस्त होने से बच गए और आज जीवित हैं. सिर के क्षतिग्रस्त हो चुके हिस्से से अगर अब जरा भी छेड़छाड़ की गई तो तुम्हारी जान को जोखिम बन जाएगा.” ब्रैडेन का अगला ऑपरेशन मार्च में शेफ़ील्ड के रॉयल हैलमशायर अस्पताल में होना है. डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टरों ने ब्रैडन से कहा है कि, उसके सिर पर अभी टाइटेनियम प्लेट लगाई जाएगी. वो सर्जरी भी लंबी चलेगी. यह इसलिए भी करना इसलिए जरूरी होगा ताकि पीड़ित, ब्रैडन और बेहतर जिंदगी जी सके. उधर इस मामले में गिरफ्तार हमलावर काइल स्टीफेंसन (Kyle Stephenson) के खिलाफ डर्बीशायर पुलिस ने कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर दिया. डर्बी क्राउन कोर्ट (Derby Crown Court) ने 32 साल के हमलावर काइल स्टीफेंसन को, गंभीर शारीरिक क्षति के लिए दोषी ठहराया है. उसे 6 फरवरी को डर्बी क्राउन कोर्ट ने साढ़े 10 महीने की जेल की सजा सुनाई है.