पाकिस्तानी सेना की बुजदिली… बलूच में डर पैदा करने के लिए लोगों को कर रही ‘गायब’
बलूच में लोगों ने लापता परिवार के सदस्यों की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है. प्रदर्शनकारी लापता परिवार के सदस्यों की तस्वीरों वाले बैनर लिए हुए थे.
पाकिस्तान इस वक्त भयंकर भुखमरी का शिकार है. गिरती अर्थव्यवस्था और रिकॉर्ड तोड़ महंगाई ने लोगों से लोगों का जीना मुहाल हो गया है, लेकिन इस सबके बीच पाकिस्तानी सेना का अत्याचार कम नहीं हो रहा. पाकिस्तानी सेना अब लोगों में डर पैदा करने के लिए बलूचिस्तान प्रांत के लोगों को गायब कर रही है. बलूचिस्तान में खुजदार शहर में रशीदा ज़हरी और उनके पति रहीम ज़हरी को जबरन गायब किए जाने के विरोध में एक विरोध रैली आयोजित की गई.
सूत्र बताते हैं कि इस विरोध प्रदर्शन में लापता व्यक्तियों के परिवारों सहित कई राजनीतिक दलों, सामाजिक और छात्र के ग्रुप्स ने बड़ी संख्या में भाग लिया और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया. बलूच नेशनल मूवमेंट ने एक ट्वीट में कहा, “पाकिस्तानी राज्य महिलाओं के लापता होने का इस्तेमाल बलूच जनता के बीच डर पैदा करने के लिए एक रणनीति के रूप में कर रहा है ताकि उन्हें अपने उचित अधिकारों के लिए संघर्ष करने से रोका जा सके.”
Pakistani state is using disappearance of women as a tactic to instill fear amongst the Baloch masses to deter them from struggling for their just rights. It is high time the state of Pakistan is held accountable for its grave and continuous crimes against humanity.
— BNM (@BNMovement_) February 8, 2023
मानवता के खिलाफ पाकिस्तान- बलूच नेशनल मूवमेंट
बलूच नेशनल मूवमेंट ने आगे कहा, “यह सही समय है जब पाकिस्तान को मानवता के खिलाफ गंभीर और लगातार अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा.” बलूचिस्तान में राजनीतिक कार्यकर्ता जहरी परिवार को अगवा करने के लिए पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने #SaveZehriFamily नाम से एक सोशल मीडिया अभियान भी शुरू किया है.
पाकिस्तानी सेना की गिरफ्त में हैं जहरी- बलूच कार्यकर्ता
बलूच कार्यकर्ता हफ्सा बलूच ने एक ट्वीट में कहा, “बीबी रशीदा और उनके पति रहीम ज़हरी अभी भी पाकिस्तानी सेना की हिरासत में हैं. उन्हें सुरक्षा बलों की ओर से जबरन अगवा कर लिया गया था और उनका ठिकाना अज्ञात है.” लापता बलूच लोगों के परिवारों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय समुदायों के हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि न्याय के हित में कार्रवाई की जा सके.