बिहार: थर्मोकोल से बनी नाव पलटी, नदी में डूबे लोग, सामने आया घटना का Video
पूर्णियां में गांव के लोग थर्मोकोल से बनी नाव पर सवार होकर जा रहे थे. करीब आधा दर्जन लोग उस नाव पर सवार होकर नदी पार करके जनाजे में शामिल होने के लिए जा रहे थे, तभी थर्मोकोल से बनी नाव पलट गई और सभी वहां डूबने लगे.
बिहार के पूर्णियां जिले के अमौर के रंगरैया पंचायत के भागटोली में थर्मोकोल से एक नाव बनाई गई. थर्मोकोल से बनी इस नाव में गांव के करीब एक दर्जन लोग सवार हो गए और उसी पर खड़े होकर नदी पार करने लगे. कुछ ही देर में थर्मोकोल से बनी नाव टेढ़ी हो गई और नाव से नदी पार कर रहे करीब एक दर्जन गांव के लोग पानी में डूबने लगे. कुछ लोग पानी में तैरने की कोशिश करने लगे. उस नाव में खड़े हुए बच्चे जोर-जोर से चिल्लाने लगे. झटके से नाव से गिरने के कारण मौके पर काफी तेज से शोर हुआ. सभी अपनी जान बचाने के लिए कोशिश करने लगे.
हालांकि, नदी के तट पर पानी कम होने की वजह से गांव के लोग किसी तरह तैर कर निकल गए. फिलहाल, किसी भी प्रकार के हताहत की सूचना नहीं हैं. अमौर प्रखंड बाढ़ की त्रासदी से गुजर रहा है. यहां के लोगों का आवागमन का साधन इसी तरह के जुगाड़ से बनाये गए, थर्मोकोल के नाव से चल रहा है. वहीं गुरुवार को भागटोला के रहने वाले मो.जमील की मृत्यु हो गई थी.
जनाजे में शामिल होने जा रहे थे लोग
गांववाले नदी के उसपार कब्रिस्तान में उसे मिट्टी देने जा रहे थे. वहीं गांववालों ने गांव के बगल से गुजरने वाली दास नदी में इसपार से उसपार रस्सी बांध रखा है और रस्सी पकड़ कर थर्मोकोल के सहारे इसपर से उसपर करते हैं. वहीं जनाजे में शामिल होने जा रहे करीबी 10 से 15 लोग एकसाथ थर्मोकोल के नाव पर सवार हो गए.
नाव कुछ दूर बढ़ी ही थी कि रस्सी खींचने के कारण यहां वजन की वजह से जुगाड़ वाली नाव पलट गई. नाव पलटते ही कुछ लोग तैर कर निकल गए. वहीं जो तैरना नहीं जानते थे, उन्हें भी साथ लेकर नदी से निकल गए. सरकार के तरफ से बाढ़ प्रभावित इलाकों में करीब 74 नाव की व्यवस्था कराई गई है, जो नाकाफी हैं. बायसी अनुमंडल में गांव में इसी तरह थर्मोकोल, ड्रम, और प्लास्टिक बोतल से बने नाव का इस्तेमाल हर साल करते हैं.