महाराष्ट्र चुनाव का ऐलान से पहले ही मुश्किल में कांग्रेस, टिकट के दावेदारों ने बढ़ाया हाईकमान का सिरदर्द
महाराष्ट्र के नेताओं का मानना है कि, कांग्रेस और एमवीए आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सबसे पसंदीदा है, लेकिन इससे पार्टी नेतृत्व के सामने एक चुनौती भी खड़ी होती है, क्योंकि उन्हें आवेदकों की बड़ी तादाद को संभालना भी होगा और सही उम्मीदवारों का चयन करना होगा. आगामी चुनावों में पार्टी की सफलता इसी क्षमता पर निर्भर करेगी.
राहुल गांधी शुक्रवार से दो दिन के महाराष्ट्र दौरे पर हैं. 1922 में निचली जातियों को आरक्षण देने वाले साउजी महाराज की धरती कोल्हापुर से महाराष्ट्र के चुनावी दंगल का आगाज करेंगे. वह शाम 6 बजे शिवाजी महाराज की मूर्ति का अनावरण करेंगे. तो वहीं 5 अक्टूबर को संविधान बचाओ सम्मेलन में शामिल होंगे.
उसके ठीक पहले सूत्रों से मिले आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई को टिकट के इच्छुक लोगों की बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है. राज्य भर से 1830 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि अभी तक चुनावों की घोषणा नहीं हुई है और पार्टी 288 सीटों में से लगभग 100-110 सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है. उम्मीदवारी का ये आंकड़ा मुख्य रूप से विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों के आवेदकों से है.
महाराष्ट्र में हरियाणा से ज्यादा उत्साह
दिलचस्प बात यह है कि, ये उत्साह हरियाणा से भी ज़्यादा है, जहां कांग्रेस को केवल 90 सीटों के लिए 2500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे. महाराष्ट्र में आवेदकों को पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होता है, जिसमें एससी/एसटी उम्मीदवारों को 10,000 रुपये और सामान्य उम्मीदवारों को 20,000 रुपये का भुगतान करना होता है. कांग्रेस के अनुसार, महाराष्ट्र हरियाणा से अधिक आवेदन प्राप्त करने के लिए तैयार है. क्योंकि राज्य में चुनाव की घोषणा नहीं होने के बावजूद हर दिन नए आवेदन आ रहे हैं.
लोकसभा चुनावों में सफलता का असर
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने टीवी9 से बातचीत में बताया कि, इस घटनाक्रम पर उत्साह व्यक्त करते हुए पार्टी की हालिया लोकसभा चुनावों में सफलता का हवाला दिया, जहां कांग्रेस 13 लोकसभा सांसदों और एक स्वतंत्र सांसद के समर्थन के साथ एक मजबूत ताकत के रूप में उभरी, और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) 65% विधानसभा क्षेत्रों में आगे रही. उन्होंने कहा कि, आवेदनों में इस उछाल से महाराष्ट्र में पार्टी की संभावनाओं के लिए एक सकारात्मक संकेत मिलता है.
विदर्भ और मराठवाड़ा से सबसे ज्यादा आवेदन
पूर्व मंत्री नितिन राउत, जो आवेदकों की स्क्रीनिंग/साक्षात्कार करने वाले पैनल का हिस्सा हैं, उन्होंने कहा कि सबसे अधिक आवेदन विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों से आए हैं. यहां दलित, मुस्लिम और मराठा कांग्रेस और एमवीए का समर्थन कर रहे हैं.
हरियाणा का चुनाव प्रचार खत्म
हरियाणा में चुनावों से पहले बड़ी संख्या में आवेदन आने के बावजूद, बागियों द्वारा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने से लेकर अधिकांश टिकट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों को दिए जाने तक, कांग्रेस राज्य में सभी मोर्चों पर संघर्ष कर रही है. ऐसे में 3 अक्टूबर को हरियाणा का चुनाव प्रचार खत्म होते ही कांग्रेस की सक्रियता और राहुल गांधी का महाराष्ट्र पर फोकस बता रहा है कि सियासत सीरियस है.