Braj Bihari Prasad: जिस आवास में रहते थे बृज बिहारी प्रसाद, उसे राबड़ी सरकार ने बना दिया था संग्रहालय
बिहार के पूर्व मंत्री रहे बृज बिहारी प्रसाद मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. बिहार की राजनीति में उनका कद कितना बड़ा था, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार ने बृज बिहारी की हत्या के तुरंत बाद ही उनके पूरे आवास को ही संरक्षित कर दिया था.
Braj Bihari Prasad News: बिहार के पूर्व मंत्री रहे बृज बिहारी प्रसाद मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. वहीं, अदालत के दिए गए निर्णय के बाद राजधानी का वह आवास भी चर्चा में आ गया, जहां कभी बृज बिहारी प्रसाद मंत्री के तौर पर रहते थे. बृज बिहारी प्रसाद बिहार की राजनीति में काफी दमखम रखते थे. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी हत्या के बाद, वो जहां रहते थे, उस आवास को भी संरक्षित कर दिया गया था.
बृज बिहारी प्रसाद के मंत्री बनने के बाद उन्हें राज्य सरकार की तरफ से पटना के बेली रोड स्थित आवास आवंटित किया गया था. इसी आवास में वह ऊपर के कमरे में रहा करते थे. यह आवास बृज बिहारी प्रसाद के राजनीति के कई पहलुओं को अपने आगोश में समेटे हुए है. बिहार की राजनीति में बृज बिहारी प्रसाद का कद कितना बड़ा था, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार ने इस पूरे आवास को ही संरक्षित कर दिया.
सरकार ने बना दिया संग्रहालय
दरअसल, बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के बाद राज्य सरकार ने इस आवास को संरक्षित कर दिया. राज्य सरकार ने इसका नामकरण ब्रज बिहारी प्रसाद स्मृति संग्रहालय कर दिया. साथ ही इसमें उन सभी चीजों को संरक्षित कर के रख दिया गया, जिसका उपयोग कभी बृज बिहारी प्रसाद किया करते थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने एक अहम निर्णय लेते हुए बृज बिहारी प्रसाद के इस आवास को 5 नवंबर 1998 के दिन संग्रहालय घोषित कर दिया था. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बृज बिहारी प्रसाद जब बिहार की राजनीति में थे, तब वह एक कद्दावर नाम हुआ करते थे.
इस आवास में बृज बिहारी प्रसाद के द्वारा उपयोग की जाने वाली कई छोटी बड़ी चीज रखी गई हैं. जो अब सरकार के संरक्षण में है. आवास में बृज बिहारी प्रसाद कि वह रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल भी सहेज कर रखी गई है, जिस पर वह सवारी किया करते थे. इसके अलावा उनके द्वारा पहने जाने वाले जूते, पढ़ी जाने वाली किताबें और उनके परिवार के लोगों के साथ उनकी कई तस्वीर भी अभी भी रखी हुई है.
संग्रहालय में प्रवेश के लिए नहीं लगता कोई शुल्क
इस स्मृति संग्रहालय में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है. कोई भी अगर इस संग्रहालय में अगर आकर के बृज बिहारी प्रसाद के स्मृतियों को देखना चाहता है तो वह सुबह 10 बजे से लेकर की शाम छह बजे के बीच आकर के देख सकता है. यहां एक गार्ड की व्यवस्था की गई है साथ ही साथ एक केयरटेकर भी है. जो यहां आने वाले आगंतुकों को इन सभी चीजों के बारे में जानकारी देते हैं. इस स्मृति संग्रहालय में उनकी पत्नी रमा देवी की भी कई तस्वीरें हैं. जब वह मंत्री पद के शपथ ले रही थी तब से लेकर के बृज बिहारी प्रसाद की वह तस्वीर भी है जब उन्होंने बिहार में मंत्री पद की शपथ ली थी.
साल 1998 में हुई थी मौत, अब आया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 3 अक्टूबर को बृज बिहारी प्रसाद मर्डर केस में अपना फैसला सुनाया है. 13 जून 1998 को बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की पटना के आईजीआईएमएस हॉस्पिटल में हत्या कर दी गई थी. वहीं, शीर्ष अदालत ने इस मामले में आरोपी पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को दोषी ठहराया है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जबकि, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को आरोप से बरी कर दिया गया है.