अनोखी सगाई! अंगूठी नहीं कपल ने एक-दूसरे को हेलमेट पहना की मंगनी
राजनांदगांव के जारवाही तहसील के डोंगरगढ़ के रहने वाले बीरेन्द्र साहू ने सगाई के दौरान अपनी होने वाली पत्नी को अंगूठी की जगह हेलमेट पहनाया. सगाई के कार्यक्रम में हेलमेट पहनाए जाने की चर्चा हर तरफ हो रही है. वहीं हेलमेट पहनाने की वजह भी सामने आई है.
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से एक अनोखा मामला सामने आया है. वैसे तो सगाई के रश्म में अंगूठी पहनाने का रिवाज है लेकिन जारवाही तहसील के डोंगरगढ़ में एक अनोखी सगाई हुई. सगाई के कार्यक्रम में युवती और युवक ने एक दूसरे को हेलमेट पहनाकर रश्म को पूरा किया. वहीं इस सगाई चर्चा पूरे इलाके में हो रही है. जानकारी के मुताबिक, युवक और युवती ने सगाई में एक दूसरे को हेलमेट देकर सड़क हादसों से बचने के लिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है.
जारवाही तहसील के डोंगरगढ़ के रहने वाले बीरेन्द्र साहू ग्राम पंचायत भानपुरी में सचिव के पद पर कार्यरत हैं. बीरेंद्र की सगाई डोंगरगांव करियाटोला की रहने वाली ज्योति साहू से तय हुई और युवक व युवती एक दूसरे को रिंग के साथ-साथ हेलमेट पहनकर अनोखी सगाई की. साथ ही सड़कों पर हो रहे हादसों को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने का काम किया.
लोग अलग-अलग अंदाज में करते हैं समाज सेवा
सड़क हादसों को रोकने के लिए युवा अलग-अलग अंदाज में समाज को जागरूक करने की कोशिश करते नजर आते हैं. कोई सड़कों पर रेडियम पॉइंट लगाता है तो कोई जानवरों को सड़कों से हटाता है, कोई समाज सेवक फ्री एंबुलेंस सर्विस, तो कोई फ्री दवाई उपलब्ध कराता है. रक्तदान में राजनंदगांव की एक अलग ही पहचान है.
पिता की मौत के बाद कर रहे ये काम
बीरेन्द्र साहू नगर डोंगरगांव के समाज सेवक हेलमेट संगवारी धर्मेन्द्र साहू के छोटे भाई हैं जो अपने पिता के सड़क दुर्घटना में निधन के बाद से सड़कों पर लोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक करने के साथ लोगों को हेलमेट भी देते हैं. धर्मेन्द्र साहू से ने बताया कि पिता जी का निधन सिर में चोट लगने की वजह से हुई थी और उस समय पिता जी हेलमेट नहीं पहने थे. तब से लोगों को हेलमेट पहनने और हेलमेट दान करने का काम कर रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि मेरे साथ मेरा पूरा परिवार पत्नी त्रिवेणी, भाई मोहित साहू, बहू सरिता, भाई बीरेंद्र तथा मां कुमारी साहू भी लोगों को प्रेरित करने में सहयोग कर रहे हैं
धर्मेन्द्र साहू ने बताया कि उन्होंने अब तक 1 हजार से अधिक हेलमेट लोगों को दान कर चुके हैं. उन्होंने ये भी बताया कि मीडिया के साथियों ने हेलमेट संगवारी का नाम दिया है. साथ ही इनकी इस पहल की प्रशासन के साथ लोग भी सराहना कर रहे हैं.
(रिपोर्ट -शशिकांत देवांगन/राजनांदगाव)