फिजिकल टेस्ट में 10 की मौत! आखिर कितनी कठिन है झारखंड आबकारी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा?
झारखंड में हो रही आबकारी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के फिजिकल टेस्ट में 10 अभ्यर्थियों की मौत का मामला काफी गर्म है. इसी के साथ सवाल उठने लगे हैं कि यह मौतें क्यों हो रही हैं. आज हम उन्हीं कारणों को समझने के लिए इस भर्ती की पूरी प्रक्रिया को समझने की कोशिश करेंगे.
झारखंड राज्य कर्मचारी आयोग की ओर से राज्य में आबकारी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 का आयोजन किया जा रहा है. 583 पदों के लिए हो रही इस परीक्षा में फिजिकल टेस्ट देते समय अब तक 10 अभ्यर्थियों की मौत का दावा किया जा रहा है. इस परीक्षा के तहत फिजिकल टेस्ट 22 अगस्त से स्मार्ट सिटी क्षेत्र, धुर्वा, रांची, झारखण्ड जगुआर, टेंडर ग्राम रातू रांची, पुलिस केन्द्र, गिरीडीह, जेएपीटीसी, पदमा, हजारीबाग, चियांकी हवाई अड्डा मेदनीनगर, पलामू , सीटीसी स्वास्पुर, मुसाबनी, पूर्वी सिंहभूम, झासपु-09 कैम्पस, साहेबगंज आदि केंद्रों पर हो रही है.
इस भर्ती में जनरल कैटेगरी के लिए 237 पद अनारक्षित हैं. वहीं एसटी के लिए 148, एससी के लिए 57, बीसी 1 के लिए 50, बीसी 2 के लिए 32 और ईडब्ल्यूएस के लिए 59 पद आरक्षित हैं. इसमें अनारक्षित और ईडब्ल्यूएस कोटे के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 वर् रखी ई है. वहीं ओबीसी कैटेगरी में पुरुषों के लिए अधिकतम आयु 27 वर्ष और महिलाओं के लिए 28 वर्ष निर्धारित है. इसी प्रकार एसटी एससी वर्ग के अभ्यर्थी 30 साल की उम्र में भी इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं. इस भर्ती में सबसे पहले फिजिकल टेस्ट हो रहे हैं. इस टेस्ट में सफल अभ्यर्थियों को ही लिखित परीक्षा में भाग लेने दिया जाएगा. इसमें भी सफल होने वालों को मेडिकल और दस्तावेज सत्यापन के लिए भेजा जाना है.
पहला चरण कितना कठिन?
इस परीक्षा के पहला चरण में फिजिकल टेस्ट बहुत कठिन होता है. इसके पीछे सरकार की मंशा होती है कि बाकी चरणों में भीड़ कम करने के लिए फोर्स के मानकों पर खरे उतरने वाले प्रतिभागियों को पहले ही चरण में छांट लिया जाए. इसके लिए पुरुष अभ्यर्थियों के लिए 60 मिनट में 10 किलोमीटर की दौड़ कराई जाती है, जबकि महिला अभ्यार्थियों को 5 किमी दौड़ के लिए 45 मिनट का समय दिया जाता है. इसी प्रकार अनारक्षित और EWS कोटे के पुरुष प्रतिभागियों की लंबाई न्यूनतम 160 सेंटीमीटर, 81 सेंटीमीटर सीना जरूरी होता है. हालांकि एसटी एससी के लिए 155 सेंटीमीटर हाइट्स और 79 सेंटीमीटर सीने की माप तय की गई है. इसी क्रम में महिला प्रतिभागियों की लंबाई कम से कम 148 सेमी होनी चाहिए.
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क्या कहते हैं अधिकारी?
फिजिकल टेस्ट के दौरान हो रही मौतों के लिए पूर्व आईपीएस अरुण उरांव ने सीमित संख्या में वैकेंसी निकलने को जिम्मेदार बताया. कहा कि इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग परीक्षा में शामिल होते हैं और इस परीक्षा में चयनित होने के लिए क्षमता से अधिक अपने शरीर पर प्रेशर देते हैं. उन्होंने बताया कि कुछ प्रतिभागी तो स्टेमिना बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित दवाइयों का भी सेवन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस तरह की सभी भर्तियों में लिखित परीक्षा सामान्य होती है. ऐसे में भर्ती का पूरा दारोमदार फिजिकल टेस्ट पर निर्भर करता है. उन्होंने बताया कि फिजिकल टेस्ट के दौरान इस तरह की घटनाओं का एक कारण मौसम भी हो सकता है.
कांस्टेबल भर्ती में आ रहे हैं हाईली क्वालिफाइड लोग
अधिकारियों के मुताबिक खूब पढ़ लिख लेने के बाद भी लोगों को नौकरी नहीं मिल पा रही. ऐसे में किसी भी तरह से रोजगार पाने की उम्मीद के साथ सिपाही-कांस्टेबल भर्ती परीक्षाओं में हाईली क्वालिफाइड लोग आने लगे हैं. आम तौर पर ये लोग फिजिकली वीक होते हैं. इसकी वजह उनकी शारीरिक क्षमता से ज्यादा शैक्षणिक क्षमता होना है. ऐसे प्रतिभागी जब 10 किमी की दौड़ में उतरते हैं और अपनी क्षमता से ज्यादा प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं तो इस तरह की घटनाएं होती है. इसी प्रकार पहले 1600 मीटर की दौड़ होती थी, लेकिन कंपटीशन बढ़ने की वजह से अब इसे बढ़ा कर 10 किलोमीटर कर दिया गया है. यह भी एक कारण हो सकता है.