राजनीति से मिमी चक्रवर्ती का मोहभंग, जानें लोकसभा में कितनी रहीं एक्टिव
तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद मिमी चक्रवर्ती ने कल ममता बनर्जी को इस्तीफा सौंप दिया है. अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति उनके बस की नहीं है. इस बहाने नजर डालते हैं कि उनके संसद में पिछले 5 सालों की परफॉर्मेंस पर. कब मौजूद रहीं, कितने सवाल पूछें, किन बहसों में हिस्सा लिया
पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद मिमी चक्रवर्ती ने पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. लेकिन ममता बनर्जी ने अब तक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. जब ममता बनर्जी इस्तीफा स्वीकार कर लेंगी, तो वह अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर को देंगी. अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए मिमी चक्रवर्ती ने कहा कि वह राजनीति में नहीं रहना चाहती हैं. लेकिन वह आम लोगों के बीच रहेंगी.
सूत्रों के मुताबिक, मिमी चक्रवर्ती ने 13 फरवरी को ममता बनर्जी को एक पत्र भेजा था. उस पत्र में मिमी चक्रवर्ती ने ममता को सांसद पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी. सूत्रों के मुताबिक, चक्रवर्ती ने पत्र में कहा कि वह मानसिक पीड़ा से जूझ रही हैं. उन्हें न केवल अपमान सहना पड़ा, बल्कि उपेक्षा भी सहनी पड़ी.
मिमी चक्रवर्ती ने 2019 लोकसभा चुनाव में जाधवपुर सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में जीत दर्ज़ की थी. 35 साल की मिमी जलपाईगुड़ी से हैं और उनका बचपन अरुणाचल के तिरप जिले में बीता है. 2008 में मिमी ने टेलिविज़न सीरियल्स ने अपने करियर की शुरुआत की थी. मिमी 2012 से लगातार बंगाली फिल्मों में काम कर रही हैं. आइए इस बहाने मिमी चक्रवर्ती की संसदीय गतिविधि पर एक नजर डालते हैं. उनकी परफॉर्मेंस पिछले 5 सालों में कैसी रही है, संसद में कब कब मौजूद रहीं, कब नहीं, कितने सवाल पूछें.
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5 सालों में संसद में कैसा रहा प्रदर्शन?
पीआरएस लेगिसलेटिव रिसर्च इंडिया के मुताबिक, मिमी चक्रवर्ती की संसद में अटेंडेंस को देखें तो 21 फीसदी है. जो कि बहुत खराब परसेंटेज है. ऐसा इसलिए क्योंकि मिमी राज्य और नेशनल एवरेज पर भी नहीं खरी उतरी. स्टेट अटेंडेंस एवरेज 66 परसेंट है वहीं नेशनल एवरेज है 79 परसेंट. साल दर साल के आंकड़ों पर नजल डालते हैं. बजट सेशन 2024 में वो संसद में मौजूद नहीं थी. यानी अटेंडेंस 0 रही. विंटर सेशन 2023 के दौरान 36 फीसदी अटेंडेंस थी, मॉनसून सेशन 2023 में शून्य.
स्पेशल सेशन 2023 में परसेंटाइल थी 50 परसेंट. वहीं अगर 2022 के विंटर सेशन की परसेंटेज देखें तो 2023 के मुकाबले 13 फीसदी कम हैं यानी 23 फीसदी. और अगर 2022 के विंटर सेशन में उनकी मौजूदगी को देखें तो 2023 के मुकाबले बेहतर थी. 44 परसेंट. 2019 के लोकसभा चुनाव में मिमी चक्रवर्ती जब जादवपुर सीट से जीतकर संसद पहुंची, उस साल के बजट सेशन में उनकी मौजूदगी 30 फीसदी थी तो विंटर सेशन में 35 फीसदी. ठीक अगले ही साल 2020 में यह घट गई. मॉनसून सत्र में तो आई ही नहीं और बजट सेशन में टोटल अटेंडेंस 9 परसेंट रही.
कितने डीबेट्स में हिस्सा लिया?
पीआरएस इंडिया के मुताबिक मिमी चक्रवर्ती ने संसद में हुई 7 डीबेट्स में ही हिस्सा लिया. स्टेट का एवरेज है 34.5 और नेशनल एवरेज है 46.7. इससे कम्पेयर करें तो मिमी चक्रवर्ती का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं हैं. 2019 में उन्होंने जाधवपुर में चंपाहाटी रेलवे स्टेशन पर फ्लाईओवर की मांग पर बहस में हिस्सा लिया, स्ट्रीट कुत्तों के खिलाफ क्रूरता का मुद्दा उठाया, सोनारपुर के पास लेवल क्रॉसिंग पर रेलवे फ्लाईओवर की परियोजना को पूरा करने की मांग शामिल हैं. मिमी चक्रवर्ती ने वहीं सवाल संसद में ज्यादा किए हैं. सवालों की संख्या है- 161. जो स्टेट एवरेज से 21 फीसदी ज्यादा है. स्टेट एवरेज है -140. वहीं नैशनल एवरेज है-210. सवाल ज्यादातर महिलाओं, किसान, स्वास्थय, एजुकेशन पर केंद्रित रहें.