सचिन वाजे ने चिट्ठी में ऐसा क्या लिखा? अनिल देखमुख और देवेंद्र फडणवीस आ गए आमने-सामने
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले फिर से रिश्वत विवाद सामने आ गया है. रिश्वत विवाद की वजह से अनिल देखमुख को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था और अब पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर देखमुख के पीए के जरिए उन्हें पैसा देने का आरोप लगाया है.
महाराष्ट्र रिश्वत विवाद की वजह से साल 2021 में तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. और अब विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले फिर से यह विवाद सामने आ गया है. महाराष्ट्र के बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे ने दावा किया है कि उन्होंने मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिखकर इस मामले से जुड़े सभी सबूत सौंप दिए हैं. उन्होंने अनिल देशमुख पर पीए के जरिए पैसे लेने का आरोप लगाया है. फडणवीस ने पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है.
दूसरी ओर, आरोपों को खारिज करते हुए अनिल देशमुख ने दावा किया है कि यह फडणवीस का उनके खिलाफ नई चाल है. वहीं, महा विकास अघाडी के सहयोगी कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी), जिन्होंने तीन साल पहले विवाद के समय राज्य पर शासन किया था, देशमुख का समर्थन किया है.
वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया था कि अनिल देशमुख को उद्धव ठाकरे-आदित्य ठाकरे और अजीत पवार को जेल में डालने के बदले में ईडी से रिहाई की पेशकश की गई थी. वहां से शुरू हुआ विवाद अब आरोपी सचिन वाजे द्वारा फडणवीस को लिखी चिट्ठी तक पहुंच गया है.
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पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी पर जानें क्या लगा था आरोप
20 मार्च, 2021 को, तत्कालीन निवर्तमान मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ एक बड़ा धमाका किया था. कुछ ही दिनों पहले शहर के शीर्ष पुलिस अधिकारी के पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि देशमुख ने वाजे से मुंबई के बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था. ये आरोप उस समय लगाए गए थे जब एंटीलिया बम कांड मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की जा रही थी.
बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ आरोपों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच का आदेश दिए जाने के बाद अनिल देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों में संघीय एजेंसी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.
वाजे ने बदला सुर, अब लगाए ये आरोप
साल 2022 में, उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी. हाई कोर्ट ने कहा था कि वाजे को छोड़कर किसी भी गवाह ने यह नहीं कहा कि देशमुख के कहने पर बार मालिकों से पैसे वसूले गए थे. कोर्ट ने यह भी कहा कि केवल वाजे के बयान के आधार पर एनसीपी (एसपी) नेता की कैद को लंबा खींचना उचित नहीं होगा, खासकर तब जब पुलिस बल में उनका करियर विवादों में घिरा रहा हो और उन पर खुद कई गंभीर आपराधिक आरोप हैं. वाजे बाद में अपने आरोप से मुकर गये थे.
वाजे ने अब दावा किया है कि उन्होंने देशमुख के खिलाफ सारे सबूत फडणवीस को सौंप दिए हैं. उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ है, उसके सबूत मौजूद हैं. उनके (अनिल देशमुख) पीए के जरिए पैसे जाते थे, सीबीआई के पास सबूत हैं और मैंने देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र भी लिखा है. मैंने सारे सबूत सौंप दिए है.
इनपुट-टीवी 9 मराठी