तुर्क-पठान की जंग या पुलिस-मुस्लिम की लड़ाई; FIR में सामने आई संभल हिंसा की पूरी कहानी
संभल हिंसा को लेकर कई तरह की कहानियां सामने आई हैं. एक तरफ बीजेपी ने मामले को वर्चस्व की जंग करार दिया है तो सपा सांसद इमरान मसूद ने इसे पुलिस बनाम मुस्लिम करार दिया है. उधर, पुलिस ने इस घटनाक्रम की पूरी कहानी अपने सात एफआईआर में बयां की है.
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़कने और 5 लोगों की मौत के बाद सपा सांसद इमरान मसूद ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इन इन 5 मौतों के लिए पुलिस को जिम्मेदार बताया है. सांसद इमरान मसूद यहीं तक नहीं रूके, उन्होंने इस पूरी घटना को पुलिस बनाम मुस्लिम करार दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने साजिश के तहत इस वारदात को अंजाम दिया है. उधर, बीजेपी ने इस पूरे घटनाक्रम को तुर्क बनाम पठान की जंग और वर्चस्व की लड़ाई करार देने की कोशिश की है.
बीजेपी नेता और आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि संभल सांसद जियाउर्र रहमान बर्क की कभी भी पठानों से नहीं पटी. वह एक ही पार्टी में रहने के बाद भी विधायक के साथ वर्चस्व की लड़ाई लड़ते हैं. इस घटना में भी सांसद और विधायक ने अपना अपना वर्चस्व साबित करने के लिए लोगों को दंगे की आग में झोंकने की कोशिश की है. सांसद और विधायक ने अपने अपने समर्थकों को भड़का कर महौल को खराब किया और संभल में दंगा कराया है. लेकिन कानून अपना काम करेगा. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
#WATCH | Delhi | Congress MP Imran Masood says, “We will pray that our Consitution stays intact which was given by Babasaheb Ambedkar…Today, it is being attacked. The Worship Act came in 1991, and the lower courts are still taking action everywhere. The act was brought up to pic.twitter.com/I74Fq9J5IC
— ANI (@ANI) November 26, 2024
बीजेपी अध्यक्ष ने बताया जातीय संघर्ष
इसी प्रकार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इसे सांसद और विधायक के बीच का जातीय संघर्ष बताया है. वहीं इस घटना को लेकर दर्ज एफआईआर की एक कॉपी सामने आई है. इसमें पुलिस ने संभल हिंसा की पूरी कहानी बताई है. इसमें बताया है कि कैसे लोगों को भड़काया गया. एफआईआर में बताया गया है कि विधायक का बेटा भीड़ के बीच में था और चिल्ला रहा था कि कोई यहां से बच के नहीं जाना चाहिए. पुलिस ने इस एफआईआर में लिखा है कि भीड़ चिल्ला रही थी कि किसी भी कीमत पर मस्जिद का सर्वे नहीं होने देंगे.
आरोपियों पर दर्ज हुए 7 मुकदमे
पुलिस की ओर से इस मामले में कुल 7 एफआईआर दर्ज किए गए हैं. इनमें एक मुकदमे में मुख्य आरोपी सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क को बनाया गया है. इसी प्रकार सपा विधायक के बेटे सुहैल इकबाल को आरोपियों में दूसरे स्थान पर रखा गया है. इनके अलावा 2750 अन्य लोग इस मुकदमे में आरोपी हैं.पुलिस ने अब तक कुल 27 आरोपियों को अरेस्ट किया है. इनमें 24 आरोपी जेल भेजे गए हैं. वहीं नाबालिग होने की वजह से तीन आरोपियों को बाल शेल्टर भेजा गया है. एफआईआर में कहा गया है कि सपा सांसद और विधायक के बेटे ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए लोगों को भड़काया.
एफआईआर में सामने आई पूरी कहानी
पुलिस ने एफआईर में लिखा है कि रविवार की सुबह करीब पौने नौ बजे भीड़ ने पथराव किया. इस दौरान उपद्रवियों ने एक दरोगा की पिस्टल का मैगजीन लूट लिया था. पुलिस ने एफआईआर में लिखा है कि नखासा चौराहे पर भीड़ इकट्ठा होने की सूचना मिली थी. इस सूचना पर दरोगा निशांत मलिक वहां पहुंचे, लेकिन उपद्रवियों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया. एफआईआर के मुताबिक भीड़ लाठी-डंडे और ईंट-पत्थर से लैस होकर आई थी. पुलिसकर्मियों पर जान से मारने की नीयत से हमला हुआ.