आजमगढ़: 190 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा, 11 आरोपी गिरफ्तार, देश ही नहीं विदेश में भी नेटवर्क
आजमगढ़ शहर कोतवाली क्षेत्र के रैदोपुर मोहल्ले में चल रहे एक छोटे से मकान के अंदर कॉल सेंटर बनाकर साइबर ठग बेहद चालाकी से देश ही नहीं विदेशी लोगों को भी चूना लगाते थे. गिरफ्तार 11 आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि पहले लोगों को ऑनलाइन गेम की लत लगने का इंतजार करते थे लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे.
देश में साइबर ठगों से हर कोई परेशान है. साइबर ठग देश ही नहीं विदेशों तक अपना नेटवर्क फैलाए हुए हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब 190 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले 11 ठगों को गिरफ्तार किया गया. आरोपी आजमगढ़ के शहर कोतवाली क्षेत्र के एक मकान में किराए पर रह रहे थे. 11 लोगों ने एक छोटे से कमरे में एक ऐसा कॉल सेंटर चला रहे थे जिसमें विदेशों तक ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से लोगों को अरबों रुपए का चूना लगा चुके थे. खुलासे के बाद आजमगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल में हड़कंप मच गया. हर किसी के घर में मोबाइल है और मोबाइल के अंदर गेम के जरिए साइबर ठग हर घरों तक पहुंच चुके हैं.
आजमगढ़ शहर कोतवाली क्षेत्र के रैदोपुर मोहल्ले में चल रहे एक छोटे से मकान के अंदर कॉल सेंटर बनाकर साइबर ठग बेहद चालाकी से विदेश तक लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे थे. गिरफ्तार 11 आरोपियों में पूछताछ में बताया कि वह ऑनलाइन गेम कि पहले लोगों को लत लगने का इंतजार थे और फिर जब लोग गेम के आदी हो जाते थे तब हम उनके साथ ठगी करते है. यही नहीं गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उनके लिंक विदेश तक हैं. श्रीलंका, पाकिस्तान, दुबई जैसे देशों की सिम कार्ड उनके पास से बरामद की गई है. उन्होंने बताया कि इंटरनेट के माध्यम से हम दूसरे कंट्री के सिम कार्ड इस्तेमाल करते थे. पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि जिन ऑनलाइन गेम का इस्तेमाल करते थे. उनमें यह तीन गेम प्रमुख थे जैसे महादेव एप, अन्ना रेड्डी, लोटस. सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम ट्विटर के जरिए लोगों तक अपने विज्ञापन को भेजते थे. जिससे लोग ऑनलाइन गेम की तरफ आकर्षित होकर गेम खेलने के लिए जाते थे.
किराए के मकान में रहकर फैलाया जाल
दरअसल, गिरफ्तार आरोपियों में उड़ीसा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे. पूछताछ में यह भी पता चला है कि पिछले कई सालों से आजमगढ़ में किराए का मकान लेकर रहते थे और जिन मकानों में किराए पर रहते थे उन मकान मालिकों को यह बताते थे कि यह ऑनलाइन टीचिंग का काम करते हैं. जिससे मकान मालिक इन पर भरोसा करके इन्हें किराए पर रूम देते थे लेकिन खुलासे के बाद लोग हैरान हो गए हैं.
आजमगढ़ पुलिस के खुलासे के दौरान यह पता चला कि आरोपियों के पास से 169 बैंक खातों में करीब ₹2 करोड़ रुपए हैं. जिसको पुलिस ने फ्रीज कर दिया है. फिलहाल अभियुक्तों के पास से 35 लाख रुपए का सामान भी बरामद किया गया है. जिसमें 3 लाख 40 हजार रुपए नगद और 51 मोबाइल, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक के पासबुक,, 19 सिम कार्ड 7 चेक बुक, 3 आधार कार्ड और एक जियो फाइबर बरामद किया गया है. पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने गिरफ्तार करने वाले पुलिस टीम को 25000 रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है.
पुलिसकर्मियों को मिलेंगे 25 हजार
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने जानकारी देते हुए कहा कि लगभग दो अरब की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. हम सभी उपायुक्तों से पूछताछ कर रहे हैं. अभी तक की जानकारी में पता चला है कि यह सभी आजमगढ़ में किराए के कमरे में रहते थे. जहां से यह अपना एक कॉल सेंटर संचालित करते थे. जिसके माध्यम से साइबर ठगी का काम करते थे. फिलहाल इन्होंने 190 करोड़ की साइबर ठगी की है. जिसकी शिकायत लगभग 71 लोगों ने की थी और इसमें जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस इंटरनेशनल गैंग को हम लोगों ने बहुत ही कड़ी मेहनत से पकड़ा है. इसलिए पुलिस टीम को 25000 हजार का पुरस्कार दिया जाएगा.