कुवैत से मुंबई पहुंची संदिग्ध बोट, तीन लोग गिरफ्तार, समुद्री सीमा पर सुरक्षा कड़ी

कुवैत से मुंबई पहुंची संदिग्ध बोट, तीन लोग गिरफ्तार, समुद्री सीमा पर सुरक्षा कड़ी

वहीं दूसरी तरफ बचाव पक्ष के वकील ने अदालत में दलील देते हुए कहा कि यह बात साफ है कि तीनों भारतीय हैं. अगर यह भारत के निवासी हैं तो इनके ऊपर यह एक्ट कैसे लग सकता है, क्योंकि उनके परिवार से पुलिस ने संपर्क किया है. यह सभी तमिलनाडु कन्याकुमारी के निवासी है.

बोट पर सवार होकर कुवैत से मुंबई पहुंचने वाले तीन लोगों को पुलिस ने अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. मंगलवार को मुंबई पहुंचने पर तीनों ने नाव को गेटवे आफ इंडिया पर रोका था. इनकी गिरफ्तारी सेक्शन 3(A)6(a) के तहत हुई है. वहीं अब तीनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

फिलहाल आईबी से लेकर ATS और क्राइम ब्रांच सहित मुंबई पुलिस लगातार कोलाबा पुलिस स्टेशन में मौजूद है. आरोपियों के परिवार से भी इनकी जानकारी खंगाली जा रही है. वहीं इनको पकड़ने वाले पुलिस कर्मियों का सम्मान मुंबई पुलिस की तरफ से किया गया है.

अधिकारियों की हौसला अफजाई

मुंबई पुलिस ने इन अधिकारियों की हौसला अफजाई करते हुए इनका सम्मान किया. येलोगेट पुलिस स्टेशन के ये वो पांच जाबांज पुलिसकर्मी हैं, जिन्होंने सजकता और सतर्कता से कुवैती बोट को इंटरसेप्ट किया और संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में लिया. बाद में इनकी गिरफ्तारी हुई.

समुद्री सीमा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

26/11 हमले के बाद से ही समुद्री सीमा पर सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम हैं. उसके बावजूद कुवैत से बोट के जरिए तीनों कैसे मुंबई आ गए. इस पर कोई पुलिस अधिकारी खुलकर बात करने को तैयार नहीं है. मंगलवार को मुंबई के लाइट हाउस के पास अरब सागर की समुद्री सीमा पर एक संदिग्ध बोट में कुवैत से अवैध तरीके से आए हुए तीनों ही भारतीय नागरिकों को मुंबई के किला कोर्ट में पेश किया गया.

पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार

जहां पर सरकारी वकील ने बहस करते हुए अदालत के सामने कहा कि तीनों आरोपी बिना किसी दस्तावेज़, पासपोर्ट और किसी पेपर के कुवैत से भारत लौटे हैं. संदिग्ध अवस्था में तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, और आगे की पूछताछ करना चाहती है. इसलिए सरकारी वकील ने तीनों की कस्टडी की मांग की.

तीन दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा

वहीं दूसरी तरफ बचाव पक्ष के वकील ने अदालत में दलील देते हुए कहा कि यह बात साफ है कि तीनों भारतीय हैं. अगर यह भारत के निवासी हैं तो इनके ऊपर यह एक्ट कैसे लग सकता है, क्योंकि उनके परिवार से पुलिस ने संपर्क किया है. यह सभी तमिलनाडु कन्याकुमारी के निवासी है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने तीन दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा गया है. वहीं सुनवाई की अगली तारीख 10 फ़रवरी तय की है.