महागठबंधन से अलग हुए मांझी, राज्यपाल को सौंपा पत्र, बीजेपी नेताओं के साथ राहुल गांधी से भी मिलने की कही बात

महागठबंधन से अलग हुए मांझी, राज्यपाल को सौंपा पत्र, बीजेपी नेताओं के साथ राहुल गांधी से भी मिलने की कही बात

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति गरम हो गई है. पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने बिहार में महागठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया है.

पटना: जीतनराम मांझी ने महागठबंधन से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है. जीतनराम मांझी ने इसकी घोषणा आज पटना में की है. सोमवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के बाद जीतनराम मांझी बेटे संतोष सुमन के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे. इसके बाद बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को महागठबंधन से समर्थन वापसी का पत्र सौंपा है.

पिछले दिनों ही बिहार सरकार में शामिल जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि मांझी अब 2024 के चुनाव को लेकर नीतीश सरकार को घेरने की तैयारी में हैं. वह महागठबंधन से अलग होकर वह बीजेपी के साथ चुनाव में जुड़ सकते हैं.

संतोष सुमन ने दिया था इस्तीफा

दरअसल, जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने पिछले दिनों नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. तब उन्होंने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उनपर पार्टी को विलय करने का दबाव बना रहे थे. उन्होंने अपनी पार्टी के अस्तित्व बचाने के लिए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया.

नीतीश कुमार ने कहा बीजेपी के खबरी मांझी

इधर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी पर आरोप लगाया था कि जीतनराम मांझी बीजेपी के लिए खबरी का काम कर रहे थे. वह महागठबंधन की बैठक की बात बीजेपी नेताओं को बताते थे. इसलिए हमने उन्हें अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कराने के लिए कहा था.

मांझी ने कहा- गरीब लेकिन बईमान नहीं

नीतीश कुमार के आरोपों पर जीतनराम मांझी ने कहा हम गरीब हो सकते हैं लेकिन बईमान नहीं. नीतीश कुमार पता नहीं मुझपर ऐसा आरोप क्यों लगा रहे हैं. जीतनराम मांझी ने कहा कि वह नीतीश कुमार की हमेशा इज्जत करते रहे हैं लेकिन लगता है वह किसी के कहने पर मेरे खिलाफ ऐसा बयान दे रहे हैं. हम अभी व्यक्तिगत तौर पर नीतीश कुमार के साथ हैं.

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