BJP ने संदेशखाली की पीड़िता को दिया लोकसभा का टिकट, बंगाल की 14 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान
वहीं बीजेपी की लिस्ट जारी होने के बाद राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से कई पर लड़ाई दिलचस्प होने जा रही है. जिसमें दिलीप घोष को मेदिनीपुर से बर्दवान दुर्गापुर स्थानांतरित कर दिया गया. जहां तृणमूल ने कीर्ति आजाद को उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि इससे पहले 20 सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा दो मार्च को की गई थी.
लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल में 19 उम्मीदवारों की दूसरी सूची रविवार रात घोषित कर दी. इसमें सबसे बड़ा चौंकाने वाला नाम बशीरहाट के उम्मीदवार का है. यहां से बीजेपी ने संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्रा को मैदान में उतारा है. उम्मीदवार घोषित होने के नाते रेखा पात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत-बहुत धन्यवाद. उन्होंने मेरे जैसी गांव की महिला को उम्मीदवार बनाया है. मैं संदेशखाली-बशीरहाट जिले की माताओं और बहनों के लिए हमेशा खड़ी रहूंगी.
दरअसल बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय, संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्रा और पार्टी की प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख दिलीप घोष सहित 19 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. राज्य में लोकसभा की 42 सीट हैं, जिनमें से 20 सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा दो मार्च को की गई थी.
दिलीप घोष की सीट बदली
दिलीप घोष वर्तमान में मेदिनीपुर से सांसद हैं. उन्हें अब बर्धमान-दुर्गापुर सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया की जगह पर उम्मीदवार बनाया गया है. घोष दिसंबर 2015 से अक्टूबर 2021 तक बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रहे. उनके कार्यकाल के दौरान ही राज्य में बीजेपी का उदय हुआ और उन्हें इसका श्रेय भी दिया जाता है. प्रदेश बीजेपी प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान पार्टी ने 2019 में 18 लोकसभा सीट और 2021 में विधानसभा में 77 सीट जीतीं. दिलीप घोष को उनकी खरी टिप्पणियों के लिए जाना जाता है. इसके लिए अक्सर पार्टी के भीतर और सामाजिक जीवन में उन्हें प्रशंसा के साथ ही आलोचना का भी सामना करना पड़ता रहा है.
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बशीरहाट से रेखा पात्रा को टिकट
वहीं राज्य के बशीरहाट से पार्टी ने रेखा पात्रा को टिकट दिया है. वह संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं में एक हैं. गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख के हाथों कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का शिकार हुई पात्रा को बशीरहाट से मैदान में उतारा गया है. संदेशखाली की प्रदर्शनकारियों में रेखा पात्रा सबसे मुखर रही हैं. माना जाता है कि पात्रा उस समूह का भी हिस्सा थीं, जिसने छह मार्च को बारासात में पीएम मोदी की सार्वजनिक बैठक के मौके पर उनसे मुलाकात की थी और संदेशखाली की महिलाओं की दुर्दशा के बारे में प्रधानमंत्री को बताया था.
पूर्व हाईकोर्ट जज को लोकसभा का टिकट
भ्रष्टाचार के मामलों में अपने त्वरित फैसलों के लिए जाने जाने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय को तामलुक से टिकट दिया गया है. न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें प्रशंसा और आलोचना दोनों मिलीं. न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देने के बाद वह इस महीने की शुरुआत में बीजेपी में शामिल हुए थे.
वह तामलुक सीट से चुनाव लड़ेंगे, जिसे शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार के गढ़ के रूप में जाना जाता है. शुभेंदु के छोटे भाई दिव्येंदु अधिकारी, जो हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं, ने तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर दो बार यह सीट जीती थी. 2019 में उन्होंने कुल मतदान में से 50 प्रतिशत मत हासिल कर यह सीट जीती थी.
एक बार फिर चुनावी मैदान में अर्जुन सिंह
उत्तर 24 परगना के राजनीतिक गलियारों में ‘बाहुबली’ के रूप में जाने जाने वाले अर्जुन सिंह एक बार फिर बैरकपुर से चुनावी मैदान में होंगे. सिंह ने तृणमूल कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर 2019 में बीजेपी के टिकट पर यह सीट जीती थी. करीब 14,000 मतों के अंतर से सीट जीतने के बाद, वह 2022 में तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट गए थे लेकिन सांसद के रूप में इस्तीफा नहीं दिया. बैरकपुर सीट से टिकट नहीं मिलने के बाद वह इस महीने बीजेपी में वापस लौट आए थे.
कौन-कहां से उम्मीदवार?
जलपाईगुड़ी में जयंत रॉय, दार्जिलिंग में राजू बिस्ता, बर्दवान पूर्व में असीम कुमार सरकार, बर्दवान के दुर्गापुर में दिलीप घोष, कृष्णानगर में राजमाता अमृता रॉय, बैरकपुर में अर्जुन सिंह, दमदम में शिलाभद्र दत्त, बशीरहाट में रेखा पात्रा, कोलकाता दक्षिण में देबाश्री चौधरी, कोलकाता उत्तर में तापस रॉय, तमलुक में अभिजीत गंगोपाध्याय, मेदिनीपुर में अग्निमित्र पॉल, रायगंज में कार्तिक पाल, जंगीपुर में धनंजय घोष, बारासात में स्वपन मजूमदार, मथुरापुर में अशोक पुरकैत, उलुबेरिया में अरुण उदय पाल, श्रीरामपुर में कबीर शंकर बोस, आरामबाग में अरुपकांति दीगर को उम्मीदवार बनाया गया है.