गजब! पांचों इंजीनियरिंग स्टूडेंट, ठगी में गर्लफ्रेंड भी शामिल… श्रम विभाग को लगाया 1 करोड़ का चूना
कानपुर में क्राइम ब्रांच ने श्रम विभाग में करोड़ों का घपला करने वाली 5 लोगों की टीम का पर्दाफाश किया है. सभी आरोपी इंजीनियरिंग के स्टूडेंट है. पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी ने बताया कि वह ठगी करने की नीयत से ही श्रम विभाग के साथ जुड़कर काम कर रहा था. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
कानपुर में क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने श्रम विभाग में हुए करोड़ो के घोटाले का पर्दाफाश करते हुए एक युवती समेत 5 शातिरों को गिरफ्तार किया है. मामले पर जानकारी देते हुए डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपी इंजीनियरिंग के स्टूडेंट है और टेक्निकल जानकारी भी रखते है. वहीं, इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड एक हैकर है जो कि प्राइवेट तौर पर श्रम विभाग के साथ जुड़कर उनकी टेक्निकल मदद करता था. इसी दौरान उसने ट्रेजरी ऑफिसर के डिजिटल साइन कॉपी करके, इस पूरी ठगी की घटना को अंजाम दिया.
इधर एक करोड़ की ठगी का मामला सामने आने के बाद श्रम विभाग के अधिकारी हरकत में आए और आनन-फानन में क्राइम ब्रांच से मामले की शिकायत की गई. जांच के दौरान सामने आया कि 197 अपात्र खातों में कन्या अनुदान की ठगी का पैसा ट्रांसफर कराया गया है. पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी ने बताया कि वह ठगी करने की नीयत से ही श्रम विभाग के साथ जुड़कर काम कर रहा था.
सभी आरोपी गिरफ्तार
ये भी पढ़ें
ठगी की रकम को ठिकाने लगाने के लिए उसने अपनी गर्लफ्रेंड अपने भाई और अन्य साथियों को शामिल किया. फ्रॉड करने के बाद सभी आरोपी अलग अलग स्थानों में फरार हो गए और एक वेबसाइट के जरिए एक दूसरे से संपर्क में थे. पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में कई और लोगों के शामिल में होने की बात सामने आई जिनकी तलाश में पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है.
श्रम विभाग का डाटा लीक
क्राइम ब्रांच ने सर्विलांस सेल की मदद से सभी आरोपियों को रायपुर छत्तीसगढ़ तथा अन्य अलग-अलग जनपदों से गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया है. डीसीपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपियों के पास से अन्य जानकारी भी जुटाई जा रही हैं ताकि यह पता चल पाए कि श्रम विभाग का कुछ और डाटा उनके पास है या नहीं. जांच पड़ताल अभी भी जारी है.
गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर ठगी
वहीं, पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने इस पूरे मामले का खुलासा करने वाली टीम को एक लाख रुपए के इनाम देने की घोषणा भी की है. क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी सामने आया है कि मास्टरमाइंड आरोपी व उसकी गर्लफ्रेंड कंप्यूटर साइंस में बीटेक है और दोनों ने साइबर सिक्योरिटी के कई ऑनलाइन कोर्स भी किए हैं. इसी की मदद से दोनों ने विभाग के ओटीपी तक हैक कर लिया और कन्या अनुदान का 1 करोड़ 7 लाख रुपए अपात्र खातों में ट्रांसफर कर दिया. पूरे गैंग का मास्टरमाइंड ने मामला कहीं लीक न हो जाए इसलिए उसने अपनी गर्लफ्रेंड अपने भाई को अपनी पूरी गतिविधियों में शामिल कर फ्रॉड को अंजाम दिया.