सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से ठीक पहले चंडीगढ़ के मेयर का इस्तीफा, AAP के 3 पार्षद बीजेपी में शामिल
सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाले सुनवाई से ठीक एक दिन पहले यानी रविवार शाम को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. दूसरी ओर से नगर निगम में आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका भी लगा है. पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से ठीक पहले चंडीगढ़ के महापौर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए. सुप्रीम कोर्ट आज यानी सोमवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में लगे धांधली के आरोपों को लेकर सुनवाई करेगा. बीजेपी की चंडीगढ़ इकाई के प्रमुख जतिंदर पाल मल्होत्रा ने कहा कि सोनकर ने निगम आयुक्त को अपना इस्तीफा सौंपा है.
बीजेपी ने 30 जनवरी को महापौर पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की थी जिससे आप और कांग्रेस के गठबंधन को झटका लगा था तथा उसने निर्वाचन अधिकारी पर मत पत्रों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. सोनकर ने महापौर पद के लिए हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को हराया था. सोनकर को 16, जबकि कुमार को 12 वोट मिले थे तथा आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे. कुमार ने बाद में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
अब बीजेपी के पास कुल 17 वोट
आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब चंडीगढ़ नगर निगम का पूरा समीकरण ही बदल गया है. नगर निगम में आम आदमी पार्टी के पार्षदों के पाला बदलने के बाद अब बीजेपी के पास कुल संख्या 17 हो गई है. जबकि उनके पास 1 संसद का वोट भी है.
इसके अलावा हाल ही में हुए मेयर चुनाव के दौरान शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद ने भी बीजेपी को समर्थन किया था. यानी बीजेपी पास अब कल 19 वोट हो चुके हैं. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के बाद इनके पास अब पार्षदों के वोटों की संख्या घटकर सिर्फ 17 रह गई है. जिसमें आम आदमी पार्टी के 10 और कांग्रेस के 7 वोट शामिल है.
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद है जबकि एक सांसद का वोट मिलकर 36 वोट डाले जाते हैं और इन्हीं 36 वोटों के इस्तेमाल से मेयर का चुनाव किया जाता है. हाल ही में संपन्न हुए मेयर चुनाव को लेकर काफी किरकिरी हुई थी. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है.
पहली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने की थी तीखी टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट की पहली सुनवाई के समय सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव को लेकर तीखी टिप्पणी की थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था हम निर्देश देते हैं कि मेयर चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों का पूरा रिकॉर्ड हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास जब्त कर लिया जाए और मतपत्र, वीडियोग्राफी को भी संरक्षित रखा जाए.
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा था कि यह लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है. इस आदमी (रिटर्निंग ऑफिसर) पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. यह लोकतंत्र के साथ मजाक है. यह रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर नोटिस जारी कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट चुनाव सही तरीके से कराने में असफल रहा है.
वीडियो भी आया था शामने
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के सामने चुनाव के बाद वोटों की गिनती का एक वीडियो पेश किया गया. वीडियो में रिटर्निंग ऑफिसर की हरकत संदेह से भरा नजर आ रहा है. विपक्षी दलों ने वीडियो को आधार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले में न्याय की मांग की है. इस मामले की अगली सुनवाई आज यानी सोमवार को होनी है.