खो गया Shafali Verma का तूफानी अंदाज, 4 मैचों में नहीं बना 1 अर्धशतक

खो गया Shafali Verma का तूफानी अंदाज, 4 मैचों में नहीं बना 1 अर्धशतक

अभी तक भारत ने इस विश्व कप में चार मैच खेले हैं और इन चारों मैचों में Shafali Verma के बल्ले से एक भी अर्धशतक नहीं निकला है.

भारतीय महिला क्रिकेट टीम जब आईसीसी टी20 विश्व कप-2023 खेलने के लिए रवाना हो रही थी तब शेफाली वर्मा उन खिलाड़ियों में शामिल थीं जिनसे टीम को काफी उम्मीदें थीं. शेफाली अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए जानी जाती हैं. उनका बल्ला चलता है तो गेंदबाज कांप जाते हैं और इसलिए शेफाली बहुत ही कम समय में गेंदबाजों के लिए खौफ का नाम बन गई थीं. लेकिन इस समय खेले जा रहे विश्व कप में शेफाली का वो अंदाज अभी तक नहीं दिखा जिसके लिए वो जानी जाती हैं. वह रनों के लिए संघर्ष कर रही हैं.

अभी तक भारत ने इस विश्व कप में चार मैच खेले हैं और इन चारों मैचों में शेफाली के बल्ले से एक भी अर्धशतक नहीं निकला है. शेफाली जैसी बल्लेबाज जो टीम के बल्लेबाजी क्रम की धुरी मानी जाती हैं उनसे उम्मीद थी कि वह बड़ी पारियां खेलेंगी लेकिन वह अभी तक सभी में विफल रही हैं.

नहीं दिख रही धार

शेफाली का इस विश्व कप में अभी तक का प्रदर्शन देखा जाए तो उनमें पुरानी धार नहीं दिख रही है. पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए पहले मैच में 33 रन जरूर बनाए थे लेकिन इसके लिए उन्होंने 25 गेंदों का सामना किया था. इस पारी में उन्होंने चार चौके मारे थे. दूसरे मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ शेफाली के बल्ले से 23 गेंदों पर 28 रन निकले थे जिसमें पांच चौके शामिल थे. इंग्लैंड के खिलाफ अहम मैच में तो शेफाली आठ रनों से ज्यादा बना नहीं पाई थीं. सोमवार को आयरलैंड के खिलाफ खेले जा रहे मैच में भी शेफाली का बल्ला नाकाम रहा. वह 29 गेंदों पर 24 रन बनाकर आउट हो गईं और तीन चौके ही मार सकीं.

इन सभी पारियों में शेफाली तेजी से रन नहीं बना पाईं. वह इसी कारण आक्रामकता दिखाने के चलते अपना विकेट खो बैठीं. अभी तक चारों पारियों में वह इसी तरह आउट हुई हैं.

अंडर-19 विश्वकप में भी रही फेल

इस विश्वकप से पहले साउथ अफ्रीका ने अंडर-19 विश्व कप की मेजबानी की थी. आईसीसी ने महिला वर्ग में पहली बार ये टूर्नामेंट आयोजित कराया था. शेफाली टीम इंडिया की कप्तान थीं और अपनी कप्तानी में विश्व कप जिताकर ले गईं थीं लेकिन बल्ले से वह इसमें भी नाकाम रही थीं. इस विश्व कप में भी उनके बल्ले से अर्धशतक नहीं निकला था जबकि वह इस टीम की मुख्य बल्लेबाज थीं और सीनियर टीम के साथ भी वह रनों के सूखे को खत्म नहीं कर पाए हैं.