तिरंगे से बाबा का श्रृंगार, गर्भगृह तक लगा झंडा… स्वतंत्रता दिवस पर सोमनाथ और द्वारका में भी दिखा अद्भुत नजारा
वाराणसी के ज्योतिर्लिंग पर फूल और बेल पत्र से बने तिरंगे को लपेटकर बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती की गई. गर्भग्रह में भी तिरंगे को हर जगह लगाया गया था. राष्ट्र प्रथम के इस दर्शन को ध्यान में रखकर 78वें स्वतंत्रता दिवस पर विश्वनाथ कॉरिडोर में स्थापित भारत माता की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया.
आज देश अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. पूरा देश आज तिरंगे के रंग में रंगा हुआ है तो भगवान कैसे पीछे रह सकते हैं. देश के बड़े मंदिरों में भी भगवान तिरंगे के रंग में रंगे नजर आए. कहीं देश के झंडे के रंगों के कपड़े तो कहीं झंडे. देश के सभी बड़े मंदिरों में तिरंगे से श्रृंगार किया गया. 15 अगस्त पर वाराणसी के बाबा श्री काशी विश्वनाथ और काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव का तिरंगे के रंग में श्रृंगार किया गया. इसके अलावा गुजरात के सोमनाथ मंदिर में भी भगवान सोमनाथ देश के रंग में डूबे नजर आए.
वाराणसी के ज्योतिर्लिंग पर फूल और बेल पत्र से बने तिरंगे को लपेटकर बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती की गई. गर्भग्रह में भी तिरंगे को हर जगह लगाया गया था. राष्ट्र प्रथम के इस दर्शन को ध्यान में रखकर 78वें स्वतंत्रता दिवस पर विश्वनाथ कॉरिडोर में स्थापित भारत माता की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया. सारी संस्कृतियों में परस्पर प्रेम और सद्भाव की भावना बनी रहे इसी भाव ध्यान में रखते हुए भारत माता का श्रृंगार किया गया. यहां भारत माता के श्रृंगार से पहले ध्वजरोहण भी किया गया.
तिरंगा श्रृंगार की खास परंपरा
ध्वजारोहण और भारत माता के विशेष श्रृंगार के बाद कॉरिडोर में महारुद्राभिषेक भी किया गया. काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने पिछले डेढ़ दशक से स्वतंत्रता दिवस पर बाबा विश्वनाथ का तिरंगा श्रृंगार करने की परम्परा शुरू की थी उसका अनुपालन भी आज तक किया जाता है. इस परम्परा को शुरू करने का उद्देश्य था कि बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद राष्ट्र और देश वासियों पर हमेशा बना रहे.
मंदिरों में फहराया गया तिरंगा
बाबा विश्वनाथ मंदिर के अलावा गुजरात के द्वारकाधीश और सालंगपुर मंदिरों में भी तिरंगे के रंगों से श्रृंगार किया गया. मंदिरों की घ्वजा को भी बदला गया और वहां तिरंगा भी फहराया गया. इसके अलावा मंदिर के आसपास की कई दुकानों में भी तिरंगा फहराया गया था. इसके अलावा सारंगपुर स्थित हनुमान दादा का भी अनोखा अंदाज देखने को मिला. तिरंगे के साथ यहां भी विशेष सजावट की गई.