MP पुलिस में कांस्टेबल, पर दिल में आसमान छूने की ललक… वर्षा ने 2 हजार मीटर की ऊंचाई वाले ‘माउंट कोजियास्को’ पर फहराया तिरंगा

MP पुलिस में कांस्टेबल, पर दिल में आसमान छूने की ललक… वर्षा ने 2 हजार मीटर की ऊंचाई वाले ‘माउंट कोजियास्को’ पर फहराया तिरंगा

जबलपुर के गढ़ा क्षेत्र की रहने वाली वर्षा पटेल ने यह इतिहास रचकर मध्यप्रदेश पुलिस का नाम रोशन किया है. यह उपलब्धि प्राप्त करने वाली वह मध्यप्रदेश पुलिस की पहली महिला आरक्षक हैं. छोटे से परिवार से आते हुए उन्होंने पुलिस की नौकरी की और कठिनाइयों का सामना करते हुए यह अद्वितीय सफलता हासिल की.

मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है… पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. यह साबित करके दिखाया है एमपी के जबलपुर की जांबाज महिला सिपाही वर्षा पटेल ने. वर्षा का साथ माउन्टेन मेन अंकित कुमार सेन ने भी दिया और देश का नाम रोशन किया. देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, अंकित और वर्षा ने ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी, माउंट कोजिअस्को पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराकर पूरे देश का नाम विश्व पटल पर अंकित किया है. यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि की मिसाल है, बल्कि भारत और भारतीयता की पहचान को भी वैश्विक मंच पर स्थापित करती है.

जबलपुर के गढ़ा क्षेत्र की रहने वाली वर्षा पटेल ने यह इतिहास रचकर मध्यप्रदेश पुलिस का नाम रोशन किया है. यह उपलब्धि प्राप्त करने वाली वह मध्यप्रदेश पुलिस की पहली महिला आरक्षक हैं. छोटे से परिवार से आते हुए उन्होंने पुलिस की नौकरी की और कठिनाइयों का सामना करते हुए यह अद्वितीय सफलता हासिल की. इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर मध्यप्रदेश पुलिस ने उन्हें गर्व के साथ बधाई दी और उनकी इस प्रेरणादायक यात्रा को सराहा है.

युवाओं को प्रेरित करती है ऐसी कहानी

वर्षा पटेल की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत और लगन का प्रमाण है, बल्कि यह अन्य महिलाओं और युवाओं को भी प्रेरित करती है कि वो भी अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें. उनकी यह सफलता निश्चित ही प्रेरणा का स्रोत है और एक नई मिसाल कायम करती है. माउंट कोज़िअस्को की ऊंचाई 2,242 मीटर है और यह ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी है.

फतह किया पहाड़, दिया स्वच्छता का संदेश

अंकित और वर्षा ने इस चुनौतीपूर्ण चोटी पर भारतीय ध्वज फहराकर देश का मान बढ़ाया और वहां स्वच्छता का संदेश भी दिया. उनकी ओर से दिया गया संदेश सबका हो यही नारा स्वच्छ रहे देश हमारा स्वच्छता के महत्व को और भी ज्यादा प्रकट करता है. अंकित कुमार सेन का लक्ष्य केवल एक महाद्वीप तक सीमित नहीं है. उनका उद्देश्य सभी सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर भारतीय ध्वज फहराना है. इससे पहले वो माउंट किलिमंजारो और माउंट एलब्रस पर भी भारत का ध्वज फहरा चुके हैं. यह उनकी साहसिकता और समर्पण को दर्शाता है. इसके अलावा, अंकित के नाम भारत का सबसे लंबा झंडा फहराने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. यह उपलब्धि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल है.

बचपन का सपना हुआ साकार

वर्षा की भी सफलता की एक अलग ही कहानी है. वर्षा पटेल का बचपन से ही पर्वतारोही बनने का सपना था. 2019 में पुलिस विभाग में भर्ती होने के बावजूद भी उनका यह शौक खत्म नहीं हुआ और उन्होंने पुलिस की नौकरी के साथ-साथ अपनी प्रैक्टिस भी जारी रखी. 2014 में उनके साथ की महिला आरक्षक एमपीपीएससी की तैयारी कर रही थीं, इस दौरान उन्होंने माउंटेनर अरुणिमा सिन्हा के वीडियो देखें और उनके बारे में जाना. वर्षा कहती हैं कि अरुणिमा सिन्हा को कुछ गुंडों ने चलती ट्रेन से फेंक दिया था जिसमें उन्हें अपने पैर गंवाना पड़ा और उनके दूसरे पैर में रॉड लगाई गई. ऐसे दर्दनाक हादसे के बाद जहां रिकवरी में लोग 4 से 5 साल लगा देते हैं, वहीं अरुणिमा ने एक खिलाड़ी के तौर पर अपने अंदर बसे जुनून को बरकरार रखते हुए घटना के महज दो साल के अंदर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, माउंट एवरेस्ट फतह कर ली थी.

सातों महाद्वीपों की चोटियां करनी है फतेह

दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ाई करने वाली पहली दिव्यांग महिला पर्वतारोही बनने का इतिहास उनके ही नाम लिखा गया. जब वह चोटी फतह कर सकती हैं तो हम क्यों नहीं. उन्होंने अरुणिमा सिन्हा को अपना आदर्श मानते हुए आगे की जर्नी शुरू की. वर्षा का कहना है कि थोड़ा सा मुश्किल जरूर था लेकिन अगर कुछ कर गुजरने की चाहत है तो समय भी अपने आप निकल जाता है. नौकरी के साथ-साथ उन्होंने प्रेक्टिस को भी जारी रखा. इसके पहले वह देश की कई चोटियों को पार कर चुकी हैं लेकिन अब उनका सपना है कि वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भी झंडा लहराएं. लेकिन उसके पहले उन्हें सातों महाद्वीपों की चोटियों पर राष्ट्रीय ध्वज लहराना है.