खनन माफिया का खेल! बांदा के इन 5 गावों के पहाड़ों पर ब्लास्टिंग से घरों में दरार, शासन-प्रशासन बेहाल
सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर बताया कि गिरवा के भूतेश्वर बाबा के शिव मंदिर , पतरहा में स्थित किशनगुर बाबा इत्यादि पहाड़ों में पौराणिक शिव मंदिर है. इसलिए इन पर जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाए.
उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के गिरवा इलाके में खनन माफिया अवैध क्रेशर से हजारों बीघा फसल बर्बाद कर रहे हैं. जहां 5 गावों जिनमें जरर, पटरहा, पनगरा, पिथौराबाद, बरुआ और भुसौल के पहाड़ों में पौराणिक मंदिरों को खतरा बना हुआ है. जिसमें जनहानि व पर्यावरण असंतुलन को लेकर ग्रामीण जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक पत्र सौंप चुके हैं. दरअसल, गिरवा क्षेत्र के कई गांव में पहाड़ों में अवैध खनन हो रहा है. वहां चलने वाली क्रेशर से फसल व जनजीवन को नुकसान पहुंच रहा है. जहां आए दिन गाय मर रही हैं और जीवन तबाह हो रहा है. इसके साथ ही बस्ती के मकानों में दरार आ रही है.
दरअसल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के किसी भी नियम का पालन अभी तक नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही ना ही रोड में पानी का छिड़काव किया जाता है और ना ही ब्लॉस्टिंग में नियमों का पालन किया जाता है. इसके साथ ही गांव के लोगों को सावधान किया जाता है, जबकि, एनजीटी का नियम है कि आप जितना पहाड़ खोदोगे उतना ही बालू से खाली जगह को भरना पड़ेगा. यदि आप ऐसा नहीं करते है तो आपको पेनल्टी और पत्ते का निरस्तीकरण कर दिया जाएगा.
अवैध क्रेशर के खिलाफ BJP विधायक ने CM को लिखा पत्र
इस मामले में सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर बताया कि गिरवा के भूतेश्वर बाबा के शिव मंदिर , पतरहा में स्थित किशनगुर बाबा इत्यादि पहाड़ों में पौराणिक शिव मंदिर है, हजारों लोगों कि आस्था इन मंदिरो से जुडी हुई है, पहाड़ में खनन करने वाले पट्टाधारक मानक के विपरीत 4 से 6 इंच का होल करके ब्लास्ट करते हैं, जिससे लगातार जनहानि हो रही है.
हजारों की संख्या में लोग पलायन करने को मजबूर
वहीं, इन क्षेत्रों में चलने वाली क्रेशर से उड़ने वाली डस्ट से हजारों बीघा फसल चौपट हो रही है.ओवरलोड परिवहन से सड़के चौपट हो चुकीं हैं. अगर यही हाल रहा तो हजारों की संख्या में लोग पलायन करने को मजबूर होंगे. इसलिए इन पर जाँच कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाए. साथ ही आगे से इस क्षेत्र में कोई भी पहाड़ का पट्टा व क्रेशर लगाने की अनुमति न दी जाए.
24 घंटे पहाड़ों में होता हैं ब्लास्टिंग का काम
बता दें कि, पहाड़ों में 24 घंटे ब्लास्टिंग का काम होता है, जिससे गांव वालों के जीवन पर भी बन आई है. नियम के उलट 2 इंच की जगह 6 इंच का होल करके ब्लास्ट किया जाता है, जिससे मंदिर व लोगों के घर तक हिल जाते हैं. वहीं, खुदाई करने वाले जरुरत से ज्यादा गहराई तक जाकर खोद रहे हैं, जिससे भूगर्भ का पानी भी प्रदूषित व असंतुलित होने की पूरी संभावना है. यदि जल्द ही सरकार ने रोक नहीं लगाई तो हजारों की संख्या में लोग बेघर हो जाएंगे और पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे.