हमें बस जमीन दे दो, घर हम खुद बना लेंगे… डोडा में बेघर हुए लोगों का फूटा दर्द
जोशीमठ के बाद अब जम्मू कश्मीर के डोडा में जमीन के धंसाव की खबरें सामने आ रही हैं, यहां पर लोगोंं को खतरे वाले घरों से विस्थापित किया गया है.
जम्मू कश्मीर के डोडा में जमीन धंसने की वजह से मकानों में दरारें आ गई हैं जिसकी वजह से यहां पर लोगों को घरों से विस्थापित करके एक स्कूल की बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया है. थाथरी के एसडीएम एए जारगर ने बताया कि स्कूल में विस्थापित किए गए लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं जिनमें हीटिंग फेसिलिटी, सुरक्षित पीने योग्य पानी, गद्दे और क्लीन टॉयलेट्स आदि शामिल हैं. डोडा की नई बस्ती गांव के घरों में ये दरारें आईं हैं.
स्थानीय निवासी जिन्हें विस्थापित किया जा रहा है उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. एक महिला ने अपना घर खाली करते वक्त कहा कि, ‘हम कहां जाएंगे? हमने अपनी पूरी जिंदगी अपने घर को बनाने में लगा दी. अब वह हमारे हाथ से चला गया. अब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है.’ वहीं एक स्थानीय निवासी ने अपना घर खाली करते हुए राज्यपाल मनोज सिन्हा से गुहार लगाई है.
युवक ने कहा, ‘जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम यहां सर्वे करने के लिए आई थी. मैं लेफ्टिनेंट गवर्नर से अपील करता हूं कि वह हमें बस जमीन अलॉट कर दें. उन सभी लोगों को जिन्हें अपना घर खाली करना पड़ा है.’ युवक ने आगे कहा कि, ‘अगर वह हमें सिर्फ जमीन ही दे देंगे तो हम खुद से अपने घर बना लेंगे.’ वहीं एसडीएम ने कहा, जिस जगह में धंसाव हुआ है वह फिलहाल और नहीं बढ़ रही है लेकिन मकानों में क्रैक्स की संख्या में इजाफा हुआ है. एसडीएम जारगर ने कहा, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने सर्वे किया है, अब वह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. इसके बाद बाकी के डिसीजन लिए जाएंगे.
रामबन में भी 5 घरों में आए क्रैक
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में पांच परिवारों को राजमार्ग विस्तार कार्य के दौरान उनके घरों में दरार आने के बाद एक स्कूल की इमारत में स्थानांतरित किया गया है. जिले के एक निवासी ने संवाददाताओं को बताया कि घरों में दरारें तब दिखीं जब राजमार्ग पर कार्य के दौरान कंपनी द्वारा बस्ती इलाके में की गई पहाड़ की कटाई से पहाड़ खिसकने लगा और बारिश की वजह से भी स्थिति बिगड़ी.
थाना प्रभारी और तहसीलदार ने परिवारों को उनके घरों से निकालकर स्कूलों में स्थानांतरित किया. स्थानीय निवासियों ने निर्माण कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और आरोप लगाया कि उसकी वजह से 20 से 25 मकान असुरक्षित हो गए हैं.
भाषा इनपुट के साथ.