कचरा प्लांट के पास 300 मीटर रेंज ‘नो डेवलपमेंट जोन’, फिर कैसे बने स्कूल और कॉलोनी?

कचरा प्लांट के पास 300 मीटर रेंज ‘नो डेवलपमेंट जोन’, फिर कैसे बने स्कूल और कॉलोनी?

बाराबंकी जिले में बने कचरा निस्तारण प्लांट में कचरे का अंबार लग गया है. उसी कूड़े में अब भयंकर आग लग गई है. इसके साथ ही कूड़े की दुर्गंध से भी लोग परेशान हैं. स्कूलों को तीन दिनों के लिए बंद करा दिया गया है.

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में जिला प्रशासन द्वाराकरोड़ों की लागत से बना कचरा प्लांट कई सालों से बंद पड़ा हुआ है. इसके कारण शहर से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. जहां उस कूढ़े में भीषण आग लग गई है, जिसके चलते आग से उठने वाले धुएं से लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी आ रहा है. फिलहाल, बच्चों की परेशानी को देखते हुए स्कूलों को अगले 3 दिनों के लिए बंद करा दिया है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि कचरा प्लांट के 300 मीटर की दायरे में नो डेवलपमेंट जोन घोषित होता है. बावजूद इसके यहां पर स्कूल और कॉलोनी कैसे बनी.

दरअसल, ये मामला बाराबंकी शहर के कचरा निस्तारण प्लांट का है. बताया जा रहा है कि कूड़ा निस्तारण प्लांट तकरीबन 1 साल से बंद पड़ा हुआ है. वहीं, शहर से हर दिन 30 से 40 टन कूड़ा उठाया जाता है. इसी के कारण कूड़ा प्लांट परिसर में 1 हजार टन से ज्यादा कूड़े का पहाड़ डंप हो गया है, जिसमें आग लगने के कारण तेज धुंआ निकल रहा है. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. जहां बुजुर्ग और बच्चों की सांसें फूलने का खतरा बना हुआ है.

जिला प्रशासन ने 3 दिनों के लिए स्कूल किए बंद

इस दौरान जिला प्रशासन ने बच्चों को सेहत का विशेष ख्याल रखते हुए कचरा प्लांट के आसपास के स्कूलों को अगले 3 दिनों तक बंद करने का आदेश दिया है. फिलहाल, नगर पालिका प्रशासन आग बुझाने में जुटा हुआ है. मगर, आग इतनी तेज फैली है कि बुझाने के प्रयास कामयाब नहीं हो पा रही है. आरोप है कि नगर पालिका प्रशासन फायर विभाग का सहयोग नहीं कर रहा है. जिसके चलते कचरा प्लांट के आसपास के रहने वालों की जीना मुश्किल हो गया है. फिलहाल, सभी लोगों को जिला प्रशासन ने घरों में कैद रहने की हिदायत दी है.

नो डेवलपमेंट जोन घोषित के बावजूद कैसे बने स्कूल और घर

वहीं, ये सवाल खड़ा हो रहा है कि कचरा निस्तारण प्लांट के आसपास करीब 330 मीटर में नो डेवलपमेंट जोन घोषित किया गया था. इसके बावजूद कचरा निस्तारण प्लांट के पास कॉलोनी और स्कूल कैसे बना दिए गए. हालांकि, प्लांट के बाहर लगे नोटिस बोर्ड पर लिखा है कि इस क्षेत्र में किसी भी तरह का विकास से जुड़ा काम नहीं कराया जा सकता. फिर भी लोगों ने यहां घरों और स्कूलों की बिल्डिंग खड़ी कर ली है.