गजब मुकुंद! ग्राम प्रधान हजम कर गए मनरेगा का पैसा, भांजे और बहनों के नाम बनाया फर्जी जॉब कार्ड; फिर किया ‘खेला’

गजब मुकुंद! ग्राम प्रधान हजम कर गए मनरेगा का पैसा, भांजे और बहनों के नाम बनाया फर्जी जॉब कार्ड; फिर किया ‘खेला’

फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाने को लेकर सुर्खियों में आए प्रतापगढ़ जिले की डीह बलई ग्रामसभा के ग्राम प्रधान मुकुंद यादव पर अब एक और गंभीर आरोप लगा है. उन पर अपने रिश्तेदारों के फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा का पैसा निकालने का आरोप लगा है. हैरान करने वाली बात यह है कि जांच में ये आरोप भी सही पाए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाने को लेकर इस समय प्रतापगढ़ जिले के डील बलई ग्रामसभा के ग्राम प्रधान मुकुंद यादव सुर्खियों में हैं. ग्राम प्रधान पर आरोप है कि वह एक जाति विशेष के लोगों को अपनी ग्रामसभा में बसा रहे हैं, ताकि चुनाव में इसका फायदा मिल सके, लेकिन अभी तक इन आरोपों से घिरे मुकुंद यादव अब एक नए आरोप में घिर गए हैं. इन पर मनरेगा के पैसे हजम करने का आरोप लग रहा है. आरोप है कि ग्रामसभा में मुकुंद यादव ने अपने परिवार के लोगों और नाबालिग बच्चों का जॉब कार्ड बनाकर फर्जी भुगतान करा लिया. यही नहीं सरकारी स्कूल में काम करने वाली रसोईया के नाम से भी फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा का घोटाला किया.

मुकुंद यादव पहली बार ग्राम प्रधान हुए हैं, लेकिन इनकी प्रधानी पूरे प्रतापगढ़ जिले व डीह बलई ग्रामसभा में चर्चा का विषय बन चुकी है. चर्चा का विषय भी इनके विकास के कामों से नहीं, बल्कि फर्जी निवास बनाने, मनरेगा का पैसा खाने, ग्रामसभा के लोगों से बेवजह मारपीट करने और धमकी देने को लेकर है. फर्जी निवास बनाने, आंगनबाड़ी अभ्यर्थी के पति को धमकी देने के बाद अब इनके मनरेगा के घोटाले की पोल खुली है. आरोप है कि करीब 15 से 20 लाख रुपए मुकुंद यादव ने नाबालिग बच्चों का जॉब कार्ड, रसोईया का जॉब कार्ड सहित अपने परिवार के लोगों का फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा का पैसा निकाल लिया.

ग्राम प्रधान मुकुंद यादव ने मनरेगा स्कीम में किया खेला, जानें कैसे निकाला पैसा

  • पिंकी देवी पत्नी मलखान निवासी डीह बलई, जो कि प्राथमिक विद्यालय डीह बलई में रसोईया का कार्य करती हैं. उनके नाम से फर्जी जॉब कार्ड संख्या-507 बनाकर मनरेगा योजना और प्राथमिक विद्यालय दोनों स्थान पर एक साथ काम रहते हुए दिखाकर मनरेगा से 22,000 रुपया निकाल लिए.
  • रजत पुत्र लखपति यादव जो कि नाबालिग है और प्रधान मुकुंद यादव की सगी बहन का लड़का है, जिसका घर बिहार ब्लॉक में पड़ता है. इसके बैंक खाते में मनरेगा के पैसे डलवाए गए. वो भी छोटी रकम नहीं, बल्कि करीब 5 लाख रुपए डाले गए.
  • शिवा पत्नी भूपेंद्र, जो कि प्रधान मुकुंद यादव की सगी बहन हैं. इनका भी फर्जी जॉब कार्ड संख्या-1312 बनाकर मनरेगा से 13,000 रुपए का घोटाला किया गया. सुधा पुत्री अर्जुन प्रसाद, ये भी प्रधान मुकुंद यादव की सगी बहन हैं. इनके नाम से भी फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा से 6000 रुपया का भुगतान किया गया.
  • काजल पुत्री विनोद के नाम से फर्जी जॉब कार्ड संख्या 986A और 1321 बनाकर घोटाला किया गया है, जो कि नाबालिग है. अंजलि पुत्री विनोद के नाम से फर्जी जॉब कार्ड संख्या-1322 बनाकर मनरेगा से 22,000 रुपए का घोटाला किया गया है. ये भी नाबालिग है. आंचल पुत्री मलखान के नाम से फर्जी जॉब कार्ड संख्या 1445 बनाकर घोटाला किया गया. विवेक पुत्र राम सजीवन का फर्जी जॉब कार्ड संख्या 1342 बनाकर मनरेगा से 9000 रुपया निकाल लिए गए.

मुकुंद यादव पर कोई कार्रवाई नहीं

हैरान करने वाली बात यह है कि सहायक श्रमायुक्त प्रतापगढ़ आर के पाठक द्वारा पत्रांक 1032/24 की जांच में ग्राम प्रधान मुकुंद यादव के इन कारनामों की पुष्टि की गई, लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया. ग्रामसभा के लोगों द्वारा कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को पत्राचारों के माध्याम से मुकुंद यादव के इन काले कारनामों के बार में अगवत कराया गया. चाहे वह फर्जी निवास बनाने को लेकर हो, दूसरे ग्रामसभा के लोगों को अपनी ग्रामसभा में बसाने को लेकर हो या फिर मनरेगा के घोटाले को लेकर हो, लेकिन मुकुंद यादव पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.