जम्मू- कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ पुलिस का एक्शन, बांदीपुरा से 8 अलगाववादी गिरफ्तार, सामने आए नाम

जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये गिरफ्तारियां बांदीपुरा जिले में विभिन्न स्थानों पर की गई हैं. पुलिस ने इनके पास से आपत्तिजनक सामग्री, पर्चे और मोबाइल फोन बरामद किए हैं. यह कार्रवाई आतंकवादी नेटवर्क को कमजोर करने के उद्देश्य से की गई है.
जम्मू कश्मीर पुलिस आतंकी समूहों और आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ लगातार बड़ा अभियान छेड़े हुए है. इसके तहत लगातार कार्रवाई भी की जा रही है. पुलिस की तरफ से लगातार इलाकों में सर्च ऑपरेशन भी चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को बांदीपोरा पुलिस ने आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में अलगाववादी संगठनों के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
यह कार्रवाई, आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने और उनके नेटवर्क को खत्म करने को लेकर की गई है, जो बांदीपुरा जिले में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न संदिग्धों के परिसरों में हुई है.
पुलिस ने इन लोगों को किया गिरफ्तार
पीएस बांदीपुरा के यूएपीए अधिनियम के तहत केस एफआईआर नंबर 04/2024 की जांच के सिलसिले में पुलिस ने 03 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनके नाम नजीर अहमद अहंगर, शेख दानिश मुश्ताक, ताहिर अहमद मीर हैं.
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पीएस सुंबल के यूएपीए अधिनियम के तहत केस एफआईआर संख्या 07 और 62/2024 के संबंध में 03 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. उनकी पहचानगुलाम दीन वार जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (जेकेडीएफपी) के सदस्य के रूप में की गई है. खुर्शीद अहमद लोन पुत्र मोहम्मद जमाल लोन निवासी नायदखाई, मोहम्मद शफी डार पुत्र सोनाउल्लाह डार निवासी करनाई मोहल्ला शाहगुंड, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स लीग (जेकेपीएल) का सदस्य है. इसके अलावा अबुल मजीद और को भी एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है.
संदिग्धों के पास आपत्तिजनक सामग्री बरामद
पुलिस की तरफ से गिरफ्तार संदिग्धों के पास से कुछ आपत्तिजनक सामग्री, पर्चे और मोबाइल फोन सहित चुनावी उपकरण जब्त किए गए हैं. जांच से पता चला है कि सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देना जारी रखा है, जबकि जिन संगठनों से वे जुड़े थे, उन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था. गिरफ्तार सदस्य अपनी नापाक और अलगाववादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर में प्रभावशाली युवाओं को प्रेरित करने और नए सदस्यों (रुकुन) की भर्ती करने में लगे हुए थे.