भारत लाने के बाद भी क्यों छुपाया जा रहा तहव्वुर राणा का चेहरा? TIP टेस्ट कराने की तैयारी में एजेंसियां

भारत लाने के बाद भी क्यों छुपाया जा रहा तहव्वुर राणा का चेहरा? TIP टेस्ट कराने की तैयारी में एजेंसियां

26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाए जाने के बाद उसका चेहरा अभी तक मीडिया के सामने नहीं आया है. यह इसलिए है क्योंकि जल्द ही उनकी पहचान परेड (TIP) होनी है. TIP एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें गवाह आरोपी की पहचान करते हैं. राणा के साथ लश्कर-ए-तैयबा के संबंध और डेविड हेडली से उसके रिश्ते की जांच जारी है, उससे पूछताछ में 26/11 हमले के कई पहलुओं का खुलासा होने की उम्मीद है.

26/11 मुंबई आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाए जाने के बाद अब तक उसका चेहरा सार्वजनिक नहीं किया गया है. इससे आम जनता के बीच यह सवाल उठ रहा है कि आखिर मुंबई हमले के इस गुनहगार का चेहरा अब तक क्यों नहीं दिखाया गया? सूत्रों के अनुसार, तहव्वुर राणा की जल्द ही पहचान परेड (TIP Test Identification Parade) कराई जानी है. इस प्रक्रिया के चलते ही सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक उसका चेहरा मीडिया और सार्वजनिक मंचों से दूर रखा है.

क्या होती है पहचान परेड (TIP)?

पहचान परेड एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें किसी अपराध के गवाहों को आरोपी की पहचान करने के लिए बुलाया जाता है. इसमें आरोपी को उसके जैसे कद-काठी और चेहरे वाले अन्य 4-5 लोगों के साथ एक लाइन में खड़ा किया जाता है, और फिर गवाह से पूछा जाता है कि क्या वह आरोपी की पहचान कर सकता है.

इस मामले में तहव्वुर राणा की पहचान उन लोगों से करवाई जानी है, जिनसे वह हमले से पहले भारत में मिला था या जिन जगहों पर वह ठहरा था. जांच एजेंसियां चाहती हैं कि गवाह बिना किसी पूर्व धारणा के आरोपी की पहचान करें, इसलिए राणा का चेहरा अब तक ढका हुआ है.

तहव्वुर राणा का आतंकवाद से संबंध

तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है जो अमेरिका में रहता था. उस पर लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर भारत में जासूसी करने और 26/11 हमले की साजिश में शामिल होने का आरोप है. वह डेविड कोलमैन हेडली का करीबी साथी है, जिसने मुंबई हमले से पहले कई जगहों की रेकी की थी. भारत लाने के बाद तहव्वुर राणा से सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ जारी है और माना जा रहा है कि उसकी वापसी से मुंबई हमले की कई परतें और साजिशों का खुलासा हो सकता है.

तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद गुरुवार शाम भारत लाया गया. राणा को विशेष अमेरिकी विमान गल्फस्ट्रीम G550 से कड़ी सुरक्षा में दिल्ली लाया गया. प्रत्यर्पण के दौरान अंतरराष्ट्रीय नियमों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया. राणा के साथ फ्लाइट में NIA के IG आशीष बत्रा, DIG जया रॉय, SP प्रभात कुमार, और NSG व RAW के अधिकारी भी मौजूद थे. दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान शाम 6 बजकर 22 मिनट पर उतरा. विमान से नीचे उतरने से पहले ही राणा की बेड़ियां खोल दी गई.

एयरपोर्ट से हाई सिक्योरिटी जेल वैन में लाया गया

एयरपोर्ट पर सभी कागजी प्रक्रिया और मेडिकल जांच के बाद राणा को सीधे पटियाला हाउस कोर्ट ले जाया गया. सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की तैनाती की गई थी. उसे एक हाई सिक्योरिटी जेल वैन में लाया गया, जिसमें आम तौर पर अति संवेदनशील मामलों के आरोपियों को ही ले जाया जाता है. इस वैन की बीच वाली सेल में राणा को बैठाया गया था, जिसके चारों ओर 3rd बटालियन और SWAT टीम की तैनाती थी.

कोर्ट में राणा ने वकालतनामा पर हस्ताक्षर किए और कोर्ट द्वारा दिए गए वकील से करीब 20 मिनट बातचीत की. जज के सवालों का जवाब राणा ने स्वयं दिया. कोर्ट रूम में वह साधारण और शांत स्वभाव में नजर आया और उसके चेहरे पर किसी भी प्रकार की कोई शिकन नजर नहीं आ रही थी.