जम्मू-कश्मीर: सरकारी अस्पताल में एक भी नहीं, प्राइवेट में की 1807 सर्जरी… अब नपे डॉक्टर

जम्मू कश्मीर में एक अब प्रशासन की कड़ी नजर डॉक्टरों की सरकारी अस्पतालों में परफॉर्मेंस पर है. दरअसल, जो डॉक्टर निजी अस्पतालों में अच्छा समय और बेहतरीन इलाज करते हैं वहीं, सरकारी अस्पतालों में सही से समय भी नहीं देते और मरीजों का इलाज नहीं करते. वहीं, ऐसी कई घटना सामने आने के बाद जम्मू कश्मीर सरकार अब ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बना चुकी हैं.
जम्मू कश्मीर में अब प्रशासन की कड़ी नजर डॉक्टरों की सरकारी अस्पतालों में परफॉर्मेंस पर है. दरअसल, जो डॉक्टर निजी अस्पतालों में अच्छा समय और बेहतरीन इलाज करते हैं वहीं, सरकारी अस्पतालों में सही से समय भी नहीं देते और मरीजों का इलाज नहीं करते. वहीं, ऐसी कई घटना सामने आने के बाद जम्मू कश्मीर सरकार अब ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बना चुकी हैं.
दरअसल, प्रशासन ने एक ऐसे ही मामले में डॉक्टर के खिलाफ कारवाई करते हुए उसे प्राइवेट प्रैक्टिस करने से प्रतिबंधित कर दिया. जब हेल्थ डिपार्टमेंट को यह पता चला कि इस डाक्टर ने निजी अस्पतालों में 1807 सर्जरियां की हैं. जबकि सरकारी अस्पताल जहां वे तैनात हैं वहां एक भी सर्जरी नहीं की हैं. इसको देखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे डॉक्टरों के लिए भी सख्त कदम उठाने का मन बना लिया है.
निजी प्रैक्टिस सरकारी निर्देशों का गंभीर उल्लंघन
जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य विभाग सचिव सैय्यद आबिद रशीद ने खुद ऐसे डॉक्टर के खिलाफ कारवाई कर उसे प्राइवेट प्रैक्टिस करने से प्रतिबंधित घोषित किया हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, ‘राज्य स्वास्थ्य एजेंसी जम्मू-कश्मीर द्वारा AB-PMJAY/AB PMJAY SEHAT योजना के तहत डॉ. हनीफ डार के काम का मूल्यांकन किया. इससे पता चला कि उन्होंने निजी अस्पतालों में 1807 सर्जरी की हैं, जबकि जीएमसी श्रीनगर में इस योजना के तहत कोई सर्जरी दर्ज नहीं की गई है.’
जबकि डॉ. हनीफ डार जीएमसी श्रीनगर अस्पताल में कार्यरत हैं. वहीं, जीएमसी से मिले कार्य रिपोर्ट पुष्टि करती है कि पूर्णकालिक संकाय सदस्य होने के बावजूद, निजी प्रैक्टिस में उनका योगदान सरकारी सेवा में उनके योगदान से काफी अधिक है. बता दें कि यह जम्मू-कश्मीर सेवा आचरण नियमों और चिकित्सा संकाय द्वारा निजी प्रैक्टिस पर सरकारी निर्देशों का गंभीर उल्लंघन है.
JK में साल 2022 तक 17,574 एलोपैथिक डॉक्टर
अब, प्रासंगिक सेवा नियमों के अनुसार, डॉ. हनीफ डार, सहायक प्रोफेसर, सर्जरी विभाग, सरकारी मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर को तत्काल प्रभाव से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में निजी प्रैक्टिस करने से प्रतिबंधित किया गया है. जारी आदेश में कहा गया है कि, ‘इसका अनुपालन न करने पर सेवा नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.’
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जम्मू कश्मीर स्वस्थ विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी कर अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति को उनके निर्धारित समय पर सुनिश्चित करने को कहा हैं. इस प्रयास से पेशेंट केयर में बेहतरी आने के साथ साथ पूरा स्वस्थ सिस्टम ठीक होगा और लोगों को लाभ होगा. नेशनल मेडिकल कमिशन के एक डाटा के अनुसार जून 2022 तक जम्मू और कश्मीर मेडिकल काउंसिल में 17,574 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत हैं.