मुर्शिदाबाद हिंसा पर केंद्र की पैनी नजर, 300 BSF जवानों के साथ 5 अतिरिक्त कंपनियां तैनात

मुर्शिदाबाद हिंसा पर केंद्र की पैनी नजर, 300 BSF जवानों के साथ 5 अतिरिक्त कंपनियां तैनात

डीजीपी राजीव कुमार ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी. उन्होंने कहा, यह अच्छाई और बुराई के बीच की लड़ाई है. अफवाहों को फैलने से रोकना होगा. हम लोगों से अनुरोध करेंगे कि वे कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में न लें. हम उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि पुलिस दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी और आम लोगों की जान-माल की रक्षा करेगी.

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में 10 अप्रैल से हिंसा जारी है. इस मामले में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि केंद्र हिंसा की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. गृह सचिव ने कहा कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में स्थानीय तौर पर उपलब्ध लगभग 300 बीएसएफ कर्मियों के अलावा पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर पांच और कंपनियां तैनात की गईं है.

दरअसल पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने स्थिति की समीक्षा के लिए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की. गृह मंत्रालय ने मुर्शिदाबाद में कानून-व्यवस्था के बिगड़ने पर अपनी चिंता दोहराई.

केंद्रीय बलों की पांच अतिरिक्त कंपनियां तैनात

मुर्शिदाबाद में पहले से ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के करीब 300 जवान तैनात हैं और केंद्र ने व्यवस्था बहाल करने में मदद के लिए केंद्रीय बलों की पांच अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं. अब तक की सबसे विचलित करने वाली घटनाओं में से एक में, हिंसा प्रभावित समसेरगंज क्षेत्र में स्थित जाफराबाद में एक पिता और पुत्र की उनके घर के अंदर चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई.

गोली लगने से युवक की मौत

परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि बदमाशों ने उनके घर में लूटपाट की और फिर भागने से पहले दोनों पर जानलेवा हमला किया. एक अलग घटना में, शुक्रवार को सुती के सजुर मोड़ पर झड़पों के दौरान एक 21 वर्षीय युवक को गोली लग गई और शनिवार शाम को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उसकी मौत हो गई. शनिवार को भी कुछ इलाकों में हिंसा भड़कती रही.

दो बीड़ी फैक्ट्री के मजदूरों को लगी गोली

समसेरगंज के धुलियान में काम पर जाते समय एक नाबालिग लड़के सहित दो बीड़ी फैक्ट्री के मजदूरों को गोली लग गई. दोनों का मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है और बताया जा रहा है कि उनकी हालत स्थिर है. अतिरिक्त महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) जावेद शमीम ने बताया कि अब तक अशांति के सिलसिले में कुल 138 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस वाहनों को लगा दी आग

बता दें कि केंद्र सरकार के वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी, सड़कें जाम कर दीं और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. पूर्वी रेलवे के न्यू फरक्का-अजीमगंज खंड पर शुक्रवार को धुलियानडांगा और निमतिता स्टेशनों के बीच ट्रेन सेवाएं लगभग छह घंटे तक बाधित रहीं. मुर्शिदाबाद के कई इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और हिंसा को और बढ़ने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

सीएम ममता ने की शांति की अपील

वहीं शांति की अपील करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने सभी समुदायों के लोगों से उकसावे में न आने का आग्रह किया. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, सभी धर्मों के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि कृपया शांत रहें, संयमित रहें. धर्म के नाम पर कोई अधार्मिक व्यवहार न करें. हर इंसान की जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं. जो लोग दंगे भड़का रहे हैं, वे समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

एनआईए से जांच कराने की मांग

इस बीच, बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर विरोध प्रदर्शन के दौरान रेलवे संपत्ति की तोड़फोड़ की एनआईए से जांच कराने की मांग की. अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, यह बता दें कि यह विरोध प्रदर्शन नहीं था, बल्कि हिंसा का एक पूर्व नियोजित कृत्य था, जिहादी ताकतों द्वारा लोकतंत्र और शासन पर हमला था, जो अपने प्रभुत्व का दावा करने और हमारे समाज के अन्य समुदायों में भय पैदा करने के लिए अराजकता फैलाना चाहते हैं.

हिंसा पर सियासत तेज

विधानसभा चुनाव एक साल दूर हैं, मुर्शिदाबाद में अशांति की खबरों पर शनिवार को राजनीतिक गुस्सा भड़क गया, क्योंकि बंगाल बीजेपी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी सरकार पर समसेरगंज, सुती और जंगीपुर में हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया. मजूमदार ने कहा कि हिंदुओं पर हमले के दौरान प्रशासन दूसरी तरफ देख रहा है.

अगले साल विधानसभा चुनावों के बाद एक बार जब बीजेपी सत्ता में आएगी, तो अल्पसंख्यकों के एक वर्ग द्वारा की गई इस बर्बरता को पांच मिनट में कुचल दिया जाएगा. पलटवार करते हुए टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि विपक्ष राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है.

सीएपीएफ कर्मियों की तैनाती का आदेश

वहीं सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा. सुती और समसेरगंज जैसे इलाकों में बढ़ती अशांति के बीच, कलकत्ता हाईकोर्ट ने विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ कर्मियों की तैनाती का आदेश दिया. न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने कहा कि जब ऐसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं तो कोर्ट अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती और नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया. कोर्ट ने केंद्र और राज्य को 17 अप्रैल को अगली सुनवाई से पहले स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया.