सरहुल पूजा में बवाल: जमकर बरसी लाठियां, फूटे सिर, रंग-गुलाल की जगह बही खून की धारा

झारखंड में सरहुल पर्व धूमधाम से मनाया गया, लेकिन रांची में शोभायात्रा के दौरान झालर टूटने से विवाद हुआ और मारपीट हो गई. इसमें आठ लोग घायल हो गए. पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया है. इस बीच बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर निशाना साधा.
प्रकृति के उपासक कहे जाने वाले आदिवासी जनजातीय समाज के प्रमुख त्योहार “सरहुल” को लेकर पूरे झारखंड में जबरदस्त उत्साह देखा गया. राजधानी रांची समेत पूरे राज्य में सरहुल की धूम रही. महिलाएं लाल पाड़ साड़ी में और पुरुष लाल पाड़ गमछे में सज-धज कर ढोल-मांदर की थाप पर झूमते हुए विशाल शोभायात्रा में शामिल हुए. एक ओर जहां उल्लास और रंग-अबीर का माहौल था, वहीं दूसरी ओर रांची के कांके विधानसभा क्षेत्र के पिठोरिया थाना क्षेत्र में सरहुल की शोभायात्रा के दौरान विवाद हो गया.
पिठोरिया थाना क्षेत्र के हेठबालू गांव में मंगलवार को सरहुल शोभायात्रा निकाली जा रही थी. सरना जनजाति समुदाय के लोग सारना झंडा लेकर ढोल-मांदर की धुन पर नाचते हुए आगे बढ़ रहे थे. इसी दौरान शोभायात्रा में शामिल झंडा सड़क पर लगाए गए झालर और लाइट्स से टकरा गया, जिससे वे टूट गए. इस मामूली विवाद ने जल्द ही उग्र रूप धारण कर लिया और दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई.
विवाद इतना बढ़ गया कि लाठी-डंडों और पत्थरों का भी इस्तेमाल हुआ. इस झड़प में पाहन समेत आठ लोग घायल हुए हैं, जबकि दूसरे पक्ष के भी चार से पांच लोगों को चोटें आई हैं. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया और अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर तैनात कर दिया गया. पुलिस लगातार गश्त कर रही है और पूरे इलाके में सतर्कता बरती जा रही है.
मारपीट में घायल होने वालों की पहचान नागदेव पाहन, रवि मुंडा, संदीप मुंडा, अरविंद मुंडा, करण मुंडा, अजय मुंडा, विजय मुंडा, अमन अंसारी, आदम अंसारी, आबिद अंसारी और साबिर हुसैन सहित अन्य के रूप में हुई है. एक पक्ष ने मारपीट में शामिल दूसरे पक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है और जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है.
बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार पर हमला
सरहुल पर्व के दौरान हुई हिंसा को लेकर झारखंड की राजनीति भी गरमा गई है. झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने लिखा, “हेमंत सोरेन के शासन में समुदाय विशेष का दुस्साहस बढ़ गया है. रांची के पिठोरिया में सरहुल पर्व के उत्सव में बाधा पहुंचाई गई और पवित्र झंडे का अपमान किया गया.”
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार आदिवासियों को भ्रमित कर रही है और सरहुल उत्सव की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है. मरांडी ने पुलिस प्रशासन से उपद्रवियों पर बिना देर किए सख्त कार्रवाई करने की मांग की.
शांति बनाए रखने की अपील
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. पूरे क्षेत्र में अब स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन पुलिस की सतर्कता बनी हुई है.
सरहुल पर्व पर इस प्रकार की घटना ने पूरे झारखंड में चर्चा को जन्म दे दिया है. जहां एक ओर यह पर्व प्रकृति और सामुदायिक एकता का प्रतीक माना जाता है, वहीं दूसरी ओर ऐसे विवाद इसके उल्लास को फीका कर देते हैं. प्रशासन की कोशिश है कि आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाएं न हों और सामाजिक सौहार्द बना रहे.