मुश्किल में CM अरविंद केजरीवाल, 5 समन पर हाजिर नहीं होने पर कोर्ट पहुंची ED, अगले हफ्ते सुनवाई

मुश्किल में CM अरविंद केजरीवाल, 5 समन पर हाजिर नहीं होने पर कोर्ट पहुंची ED, अगले हफ्ते सुनवाई

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) लगातार सख्त होता जा रहा है. जांच एजेंसी की ओर से अब तक भेजे गए 5 समन के बावजूद पूछताछ के लिए नहीं आने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. एजेंसी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई कि पब्लिक सर्वेंट होने के बाद भी केजरीवार ईडी के समन का पालन नहीं कर रहे हैं. अब इस मामले की सुनवाई 7 फरवरी को होगी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) लगातार सख्त होता जा रहा है. जांच एजेंसी की ओर से अब तक भेजे गए 5 समन के बावजूद पूछताछ के लिए नहीं आने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. एजेंसी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई कि पब्लिक सर्वेंट होने के बाद भी केजरीवाल ईडी के समन का पालन नहीं कर रहे हैं. अब इस मामले की सुनवाई 7 फरवरी को होगी.

चर्चित आबकारी घोटाले मामले में ईडी की ओर से अब तक केजरीवाल को 5 समन भेजे जा चुके हैं, लेकिन वह एक बार भी एजेंसी के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए. ईडी ने दिल्ली की संबंधित अदालत में इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई है. इससे पहले आम आदमी पार्टी की ओर से कल शुक्रवार को जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री केजरीवाल अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के कथित मामले में पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश नहीं होंगे.

केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से मुख्यमंत्री केजरीवाल को बुधवार को पांचवीं बार समन जारी किया गया था. ईडी ने पिछले चार महीनों में केजरीवाल को 4 समन भेजे हैं लेकिन वह अभी तक एक बार भी उसके सामने पेश नहीं हुए हैं. केजरीवाल पिछले साल 2023 में 2 नवंबर और 21 के बाद इस साल 3 जनवरी और 18 जनवरी को ईडी के समक्ष पेश होने के लिए मिले समन को टाल चुके हैं.

ईडी के समक्ष पेश नहीं होने की बात करते हुए आम आदमी पार्टी ने कल कहा था कि यह समन ‘अवैध’ है और प्रवर्तन निदेशालय AAP नेता केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए बार-बार नोटिस भेज रहा है.

केजरीवाल की पार्टी AAP की ओर से यह भी आरोप लगाया गया कि भारतीय जनता पार्टी केजरीवाल को गिरफ्तार कर दिल्ली में उनकी सरकार गिराना चाहती है. हमारी पार्टी ऐसा होने नहीं देगी.

उन पर आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने संबंधी दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति में उन कुछ शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इस फायदे के लिए रिश्वत दी थी. हालांकि, AAP की ओर से इन आरोपों का लगातार खंडन किया जाता रहा है.

लगातार विवाद में रहने के बाद दिल्ली सरकार ने इस आबकारी नीति को वापस ले लिया और दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मामले की जांच सीबाआई से कराने की सिफारिश कर दी. फिर ईडी ने भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया था.आबकारी नीति घोटाला मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और AAP सांसद संजय सिंह पहले से ही जेल में बंद हैं.