UP कैबिनेट मंत्री के वायरल पत्र से गाजीपुर की राजनीति में घमासान, टेंडर के जांच की मांग
सदस्यों की मांग है कि पत्र फर्जी पाए जाने पर सम्बंधित लोगों पर कड़ी कार्यवाही हो. सदस्यों का कहना है कि अभी तक इस मामले में महज बयानबाजी की जा रही है, जिससे जिला पंचायत परिषद के सभी सदस्यों की गरिमा को ठेस पहुंच रही है.
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर का एक पत्र इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस पत्र में राज्य विभाग के प्रमुख सचिव से जिला पंचायत के द्वारा कराए गए टेंडर की जांच की मांग की गई है. अब इस पत्र को लेकर कैबिनेट मंत्री ने पलटी मारते हुए इस पत्र को फर्जी करार दिया है. इस पत्र की जांच को लेकर जिला पंचायत सदस्यों ने आवाज उठाई है. वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी इस तरह के पत्र की जांच की बात कही है. गाजीपुर के प्रभारी मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. वह इस पूरे मामले को पता करेंगे.
जिला पंचायत के विकास कार्यों, योजनाओं, ठेकों और टेंडर प्रक्रिया को लेकर उठे सवालों पर कई जिला पंचायत सदस्य भी मुखर हैं. जिला पंचायत परिषद की टेंडर प्रक्रिया पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के कथित पत्र के वायरल होने का मामला अब नया मोड़ ले रहा है. जिला पंचायत परिषद के कई सदस्यों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए आवाज बुलंद की है.
गंभीरता से होनी चाहिए इस मामले की जांच
इस मामले मेंजिला पंचायत सदस्य अभय सिंह, शैलेन्द्र सिंह और भोला बिंद ने कहा कि जिला पंचायत के कार्यों और टेंडर प्रक्रिया को लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने जो पत्र पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है. यदि वो सही है तो लिखे गए पत्र पर शासन को कार्यवाही करनी चाहिए. इन सदस्यों ने कहा कि मंत्री ने इस पत्र को लिखने से इनकार किया है, तो इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए.
जिला पंचायत सदस्यों की गरिमा को पहुंच रही ठेस
सदस्यों की मांग है कि पत्र फर्जी पाए जाने पर सम्बंधित लोगों पर कड़ी कार्यवाही हो. सदस्यों का कहना है कि अभी तक इस मामले में महज बयानबाजी की जा रही है, जिससे जिला पंचायत परिषद के सभी सदस्यों की गरिमा को ठेस पहुंच रही है. इन सदस्यों ने कहाकि पूर्व में भी बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के लिखे एक पत्र को लेकर भी तरह तरह की चर्चा व्याप्त थी।इन सदस्यों की मांग है कि एक जांच समिति बनाकर पूरे प्रकरण की गम्भीरता से जांच हो।जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
इस पत्र के मामले पर जब ओमप्रकाश राजभर से सवाल किया गया तो, उन्होंने कहा कि उनसे पूछिए किस तरह का वह पत्र के लिखते हैं. अगर जिला पंचायत सदस्य जांच की मांग कर रहे हैं, तो जांच होनी चाहिए. वहीं, इस मामले पर गाजीपुर के प्रभारी मंत्री रविंद्र जायसवाल जो 1 दिन पूर्व गाजीपुर के दौरे पर आए थे. उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की उन्हें जानकारी नहीं है. वह पता करेंगे.