अगर जम्मू-कश्मीर में हालात सही है, तो चुनाव कराएं, केंद्र पर फारूक अब्दुल्ला ने बोला हमला

अगर जम्मू-कश्मीर में हालात सही है, तो चुनाव कराएं, केंद्र पर फारूक अब्दुल्ला ने बोला हमला

डॉ फारूक ने कहा कि पहले तो इन लोगों ने मकान तोड़ने के लिए बुलडोजर निकाले और गरीबों का नुक्सान किया. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब वो चीजें बनाई जा रही थी आज है तब बनाने ही क्यों दिया.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के मौजूदा अध्यक्ष और सांसद डॉ फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने बुधवार को श्रीनगर में कहा कि केंद्र सरकार को हमें स्टेटहुड देना ही नहीं है और जो कुछ भी हो रहा है वो सब तमाशा है. उन्होने कहा कि केंद्र हम लोगों को और दुनिया को बेवकूफ बना रही है. डॉ फारक ने सवाल पुछा कि अगर केंद्र कहती है कि स्थिति सामान्य है और डिलिमिटेशन भी किया है, तो फिर चुनावों में देरी क्यों ? वहीं आये दिन जारी किये जाने वाले निर्देशों को लेकर उन्होंने कहा कि हम चुपचाप सुन रहे हैं, आखिर एक गुलाम कौम क्या कर सकती है.

यह पूछे जाने पर कि क्या वो चुनावों से पहले पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली या फिर चुनावों के बाद उस दर्जा को वापस देने की वकालत करते हैं, का जवाब देते हुए डॉ फ़ारूक़ ने कहा, “इनको स्टेटहुड देना ही नहीं है. यह सब तमाशा है. हम लोगों को और दुनिया को बेवकूफ बना रहे हैं. इन्हे यही चीज़ चलानी है, स्टेटहुड का मामला ही नहीं है देंगे ही नहीं,”

‘अनेकता में एकता का प्रतीक है’

इस बीच हिन्दू राष्ट्र को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वो कोई राष्ट्र नहीं जानते. डॉ फारूक ने कहा कि वह सिर्फ इतना जानते हैं कि यह वतन ‘अनेकता में एकता का प्रतीक है’. डॉ फारूकने उत्तर और दक्षिणी भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि हम लोग अलग-अलग हैं लेकिन हम लोगों को जिस चीज़ ने इक्कठे किया वो यह है कि हम लोग इक्कठे इस वतन को आगे चलाएं और लोगो की मुश्किलें दूर करें.

वहीं जब डॉ फारुक से यह पूछा गया कि जहां एक ओर भाजपा के अनुसार प्रदेश में हालात ठीक हैं, वहीं परिसीमन को लेकर पीआईएल को भी खारिज कर दिया गया है. क्या इस सबके के बावजूद भाजपा यह महसूस कर रही है कि उनकी ज़मीनी पकड़ मज़बूत नहीं, इसलिए चुनावों की घोषणा में देरी हो रही है.

‘अल्लाह जाने कि इनकी सरकार नीति क्या है’

उन्होंने कहा, “देखिये आपने बहुत पेचीदा सवाल पूछा है.सवाल इस बात का है कि अगर केंद्र सरकार कहती है यहां स्थिति सामान्य है, उन्होंने डिलिमिटेशन भी कर दी है. फिर क्या वजह है यहां इलेक्शन नहीं हो रहा है ? जब बाकी रियासतों में इलेक्शन हो रहा है तो यहां भी होना चाहिए. यहां क्यों एक एलजी साहब को बिठा दिया है और वो सबका मालिक बने बैठा है. खुद सोचिये.”

सरकार द्वारा आये दिन जरिये किये जाने वाले निर्देशों को लेकर डॉ फारुक अब्दुल्ला ने कहा, “अब यह आर्डर पर आर्डर देते हैं. हमें इसका कोई गम ही नहीं है. हम बस चुपचाप इनके ऑर्डरों को देख रहे हैं. और क्या है. एक गुलाम कौम क्या करेगी. बैठे हैं और देख रहे हैं तमाशा.” इस बीच सरकार द्वारा प्रदेश में चल रही अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए एक नीति लाए जाने की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वो अल्लाह जाने कि इनकी (सरकार) नीति क्या है.

बुलडोजर ने गरीाबों का नुकसान किया हैं

डॉ फारूक ने कहा कि पहले तो इन लोगों ने मकान तोड़ने के लिए बुलडोज़र निकाले और गरीबों का नुक्सान किया. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब वो चीज़ें बनाई जा रही थी आज है तब बनाने ही क्यों दिया, तब क्यों नहीं रोका गया. बनाने के लिए बैंक से कैसे लोन दिए गए. डॉ फारूक ने कहा कि तोड़ना बहुत आसान है, बनाना बहुत मुश्किल और जो कुछ इन्होने किया वो बेहद गलत किया. गौरतलब है कि पाकिस्तान और चीन के भारत की मौजूदा स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि भारत के चीन के साथ अच्छे रिश्ते हैं और आज भी ट्रेड चल रहा है.