सानिया मिर्जाः भारतीय टेनिस का टिमटिमाता सितारा, जिसे मिले इनाम, सम्मान और सलाम
2003 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के तीसरे राउंड तक पहुंचकर सनसनी फैलाने वाली सानिया मिर्जा ने अगले 20 साल तक इंटरनेशनल टेनिस में भारत का झंडा बुलंद किए रखा.
आखिरकार टेनिस में भारत के सबसे बड़े नामों में से एक, महिला टेनिस का इकलौता और सबसे मशहूर चेहरा इस खेल को छोड़कर चला गया. दुबई ओपन में पहले राउंड की हार के साथ सानिया मिर्जा ने अपने शानदार करियर पर पूर्ण विराम लगाया. एक ऐसा करियर, जिसने भारत की लड़कियों को इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित किया. (TV9 Graphics)
पुरुष टेनिस की तरह महिला टेनिस में भी भारत को डबल्स में ही सबसे ज्यादा मिली. सानिया इसमें ग्रैंड स्लैम से लेकर WTA मास्टर्स जैसे खिताब और नंबर एक रैंक तक पहुंचने वाली इकलौती भारतीय महिला हैं. (TV9 Graphics)
सिंगल्स में सानिया को भले ही ग्रैंड स्लैम सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने इसमें ही सबसे पहले ऑस्ट्रेलियन ओपन 2003 में तीसरे राउंड तक पहुंचकर पहचान बनाई थी और कई ग्रैंड स्लैम खेले. (TV9 Graphics)
इस सदी में भारत की सबसे बड़ी टेनिस सनसनी साबित हुईं सानिया को कोर्ट के अलावा कोर्ट से बाहर देश की ओर से भी पद्म पुरस्कार जैसे बड़े सम्मान मिले. (TV9 Graphics)