क्या बालासाहेब ने की थी अमित शाह की मदद? उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘अगर कोई मुझसे पूछे’

क्या बालासाहेब ने की थी अमित शाह की मदद? उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘अगर कोई मुझसे पूछे’

उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से संजय राउत के इंटरव्यू सामने आ रहे हैं और किताब की कुछ घटनाओं पर चर्चा हो रही है, जिसमें अमित शाह से जुड़ी घटना भी शामिल है. उन्होंने कहा, अगर कोई मुझसे पूछे कि क्या अमित शाह आपके घर आये थे? क्या बालासाहेब ने उनकी मदद की?

शिवसेना (ठाकरे) सांसद संजय राउत की बहुचर्चित पुस्तक ‘हेवन इन हेल’ का शनिवार को मुंबई में विमोचन किया गया. इस बीच, कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पूछा कि क्या बालासाहेब ठाकरे ने बीजेपी नेता अमित शाह की मदद की थी. उन्होंने कहा कि अगर कोई मुझसे पूछे तो मैं कहूंगा मुझे याद नही, क्योंकि उपकार करने के बाद उसे याद नहीं रखना चाहिए, ये बालासाहेब का मानना था.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि अमित शाह से कहूंगा कि आप क्यों हमें विरोधी कहते हो. हम किस बात के विरोधी और दुश्मन हैं. आप क्यों चाहते हो कि हमें पाकिस्तान के पहले खत्म करो. उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान का मैच होगा तो अमित शाह के बेटे जाएंगे देखने. अरे कुछ नियम होना चाहिए.

बालासाहेब ने अमित शाह को बचाया

कार्यक्रम का आयोजन वरिष्ठ नेता शरद पवार और तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले की मौजूदगी में किया गया. इस बीच, कार्यक्रम में बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने पूछा कि क्या बालासाहेब ठाकरे ने बीजेपी नेता अमित शाह की मदद की थी. इस बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया गया है. कहा जाता है कि किताब में इस बात का भी जिक्र है कि किस प्रकार बालासाहेब ठाकरे ने अमित शाह को बचाया और दोनों के बीच कथित मुलाकात भी हुई. इससे राजनीतिक हलकों में आरोप-प्रत्यारोप और चर्चाएं तेज हो गई हैं. उद्धव ठाकरे ने इन सभी चर्चाओं पर अपना पक्ष रखा है.

उद्धव ठाकरे ने वास्तव में क्या कहा?

उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से संजय राउत के इंटरव्यू सामने आ रहे हैं और किताब की कुछ घटनाओं पर चर्चा हो रही है, जिसमें अमित शाह से जुड़ी घटना भी शामिल है. उन्होंने कहा, अगर कोई मुझसे पूछे कि क्या अमित शाह आपके घर आये थे? क्या बालासाहेब ने उनकी मदद की? तो मैं कहूंगा कि मुझे याद नहीं है.

मदद करके भूल जाना चाहिए

क्योंकि यदि हमारे परिवार या हमारे पूर्वजों ने किसी पर उपकार किया है तो उसे गिना नहीं जा सकता. एहसान देने के लिए होते हैं, गिनने के लिए नहीं. यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह अपने उपकार का बदला कृतज्ञता से चुकाए या बुराई से. उद्धव ठाकरे ने कहा कि किसी की मदद करते समय हम ऐसा नहीं सोच सकते. किताब के विमोचन कार्यक्रम में वरिष्ठ लेखक और पटकथा लेखक जावेद अख्तर भी मौजूद रहे.

हिटलर का भी अंत हुआ

उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसा कौन सा देश होगा जहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी होती है. उन्होंने कहा कि वह जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे तो सीबीआई ने चीफ सेक्रेटरी को बुलाया था. ममता बनर्जी के साथ भी यही हुआ, उनके भी सीएस को सीबीआई ने बुलाया था. उन्होंने कहा कि सबको यह समझना चाहिए कि हिटलर का भी अंत हुआ था.

बालासाहेब को भी 100 दिन जेल में रखा

उद्धव ने कहा कि बालासाहेब को भी 100 दिन जेल में रखा गया था. मोरारजी देसाई को एक ज्ञापन देना था और माहिम पर बालासाहेब शिवसैनिकों के साथ रुके थे. लेकिन मोरारजी देसाई रुके नहीं और उनकी गाड़ी शिवसैनिकों के ऊपर से होकर निकल गई. पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया. अगले दिन बालासाहेब और कई शिवसैनिकों को जेल भेज दिया गया था. इश दौरान तीन महीने शिवसेना नेतृत्व विहीन थी.

किताब को बेहतरीन तरीके से लिखा

वहीं वन नेशन वन इलेक्शन पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि इसमें बहुत झोल है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की माता ने भी बोला कि चुनाव बैलेट पेपर से हों. लेकिन यह लोग ऐसा करेंगे नही, ये बात सब जानते हैं. उन्होंने कहा कि इस किताब को पढ़ने के बाद जेल जाने का डर लोगों के मन से निकल जाएगा. इस किताब को बेहतरीन तरीके से लिखा है. ये सरकार भी कल जाएगी. हमें इस सरकार को भी हटाना ही होगा. स्वर्ग जैसे हमारे देश को नरक बनाया जा रहा है. हमें हमारे देश को नरक बनने नही देना है.