राजस्थान के पाली में बड़ा हादसा, माइंस में पत्थरों के नीचे दबने से 3 मजूदरों की मौत

राजस्थान के पाली में बड़ा हादसा, माइंस में पत्थरों के नीचे दबने से 3 मजूदरों की मौत

राजस्थान के पाली स्थित एक स्टोन माइंस में बड़ा हादसा हो गया. यहां पत्थर गिरने की वजह से आधा दर्जन से अधिक मजदूर माइंस के अंदर फंस गए. तीन मजूदरों की पत्थर के नीचे से दबने से मौत हो गई. 3 घायलों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

राजस्थान के पाली जिले के गुड़ा एदंला थाना क्षेत्र के साकदड़ा गांव के निकट बुधवार सुबह माइंस में हुआ बड़ा हादसा हो गया. 6 मजदूर पत्थरों के नीचे दब गए. घटना की जानकारी मिलने पर गुड़ा एंदला और तखतगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची. श्रमिकों को बाहर निकालने का रेस्क्यू शुरू किया गया. मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई. इस हादसे में 3 मजदूरों की मौत हो गई. उनके शव को बाहर निकाल लिया गया है. घटनास्थल से 3 घायलों को भी बाहरा निकाला गया है. 1 मजदूर को जोधपुर रेफर किया गया है. 2 को हलकी चोटें आईं हैं.

पुलिस ने बताया कि हादसा बुधवार सुबह साढ़े 10 बजे हुआ था. ये लोग माइंस में बैठे थे. इतने में ऊपर से पत्थर गिरने लगे. इसमें महावीर (20), हेमराज (22), मोहन (21) पत्थरों के नीचे दब गए. गंभीर घायल शांति लाल (25) को जोधपुर रेफर कर दिया गया है. श्रवण (24) और ईश्वर (24) को हलकी चोटें आई हैं. जिनका प्राथमिक उपचार कराया गया.

घटनास्थल पर मची चीख-पुकार

माइंस में चट्टान गिरने के दौरान धमाके की आवाज से आसपास काम कर रहे मजदूर चौंक गए. घटना स्थल पर अफरा तफरी और चीख-पुकार मच गई. यहां पहुंचे सुरेश चौधरी ने बताया कि घटना के वक्त जोरदार धमाका हुआ था. ऐसा लगा जैसे कि कोई बम फटा हो. इसके बाद वह यहां दौड़ कर पहुंचे तो देखा कि मजदूर खदान में दबे थे. धूल का गुबार उठ रहा था और लोग इधर-उधर भागने लगे थे. इसके बाद पुलिस को सूचना दी और रेस्क्यू शुरू हुआ.

15 दिन से काम कर रहे थे मजदूर

संचालक प्रतिनिधि शुभम गौड़ के अनुसार, खदान मैसर्स पन्ना मिश्री ग्रेनाइट नाम से है. ये मजदूर पिछले 15 दिनों से ही यहां काम करने आए हुए थे. इन्हें नागौर निवासी रिछपाल भाकर यहां लाया था. इनमें शांतिलाल को गंभीर चोटें आई हैं और उनकी हालत को देखते हुए जोधपुर रेफर किया गया है. वहीं श्रवण और ईश्वर को मामूली चोटें आई हैं. इसलिए इन्हें स्थानीय अस्पताल में ही भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.

रिपोर्ट: प्रहलाद सिंह, पाली