नीचे आग, ऊपर बारिश… श्मशान घाट पर आसमान से बरसी आफत, तिरपाल डालकर हुआ अंतिम संस्कार
मथुरा के गोवर्धन ब्लॉक की अडींग ग्राम पंचायत में बारिश में खुले आसमान के नीचे एक महिला का अंतिम संस्कार किया गया. महिला का अंतिम संस्कार तिरपाल लगाकर किया गया, जिसका एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
मथुरा के गोवर्धन ब्लॉक की अडींग ग्राम पंचायत जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में से एक है. यहां शासन से विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए विकास कार्य के लिए आते हैं, लेकिन वहीं गांव के सेहरा पाइसा के श्मशान घाट के निर्माण की सुध आज तक किसी भी प्रधान ने नहीं ली, जिसके कारण पिछले दिनों एक महिला का अंतिम संस्कार खुले आसमान के नीचे बारिश के दौरान तिरपाल लगाकर किया गया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
खुले आसमान के नीचे बारिश में महिला का अंतिम संस्कार होना सरकारी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता नजर आ रहा है. इसका एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. साथ ही ग्रामीणों में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. इस घटना के बाद ग्रामीणों के साथ सभी लोगों के जेहन में केवल एक ही सवाल है कि आखिरकार विकास के लिए आने वाली धनराशि कहां खर्च हो रही है. वैसे तो गांव में अलग-अलग जातियों व क्षेत्र के अलग-अलग श्मशान स्थल हैं.
बारिश में तिरपाल के नीचे अंतिम संस्कार
श्मशान में कहीं टीन शेड लगे हैं तो कहीं नहीं हैं. गांव की मान्यता के अनुसार, दूसरे के क्षेत्र में जाकर कोई भी अपने परिजनों का अंतिम संस्कार नहीं करते हैं. इसी के चलते बीमारी के बाद पूजा पत्नी सोनू सेहरा पाइसा अडींग का निधन दिल्ली में हो गया और उसका अंतिम संस्कार करने के लिए उसकी शव यात्रा गांव के सेहरा पाइसा श्मशान स्थल पर पहुंची, तभी बारिश होने लगी थी, जिसकी वजह से उसका अंतिम संस्कार बारिश में खुले आसमान के नीचे तिरपाल लगा कर करना पड़ा.
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ग्रामीण कर चुके चुनाव बहिष्कार
इस दौरान गांव के लोग प्रधानों को कोसते रहे और कहते रहे कोई जनहित के कार्यों के लिए ध्यान नहीं देता. हालांकि शासन की तरफ से श्मशान स्थलों के निर्माण के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं की जा रही है, फिर भी अड़ींग सेहरा पाइसा क्षेत्र का श्मशान स्थल कैसे बनने से वंचित रह गया. लोकसभा चुनाव के मतदान वाले दिन विकास कार्य को लेकर नजदीकी गांव ने चुनाव का बहिष्कार भी किया था. ग्रामीणों का कहना था कि यहां की सांसद हेमा मालिनी के द्वारा कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया है. यहां तो सड़क भी ठीक से नहीं बनी है, जिसकी वजह लोगों नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.