डर के माहौल में RG Kar हॉस्पिटल के डॉक्टर, राज्यपाल का आश्वासन भी नाकाफी!
राज्यपाल सीके आनंद बोस ने स्थिति का जायजा लेने के लिए अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने वहां प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से बात की और राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ की घटना सभ्य समाज के लिए शर्म की बात है. यह पूरी मानवता के लिए शर्म की बात है कि युवतियां सुरक्षित नहीं हैं.
देश जब स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या मना रहा था, उस वक्त पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकता में आम लोग और डॉक्टर सरकार से आजादी के मायने और सुरक्षा का सवाल कर रहे थे. तभी कोलकता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कुछ ऐसा हुआ, जिससे कि वहां के डॉक्टरों के होश फाख्ता हो गए. अचानक से एक भीड़ प्रदर्शन के लिए आती है और उसके बाद जो कुछ भी हुआ वह अकल्पनीय था.
राज्यपाल का आश्वासन भी नाकाफी
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीके आनंद आरजीकर अस्पताल पहुंचे. वहां उन्होंने सबसे पहले छात्रों से बात की. छात्रों ने पूरे मामले में न्याय और सुरक्षा की गुहार लगायी. राज्यपाल महोदय ने छात्रों को इस बात का विश्वास दिलाया कि उनके साथ पूरी तरह से न्याय होगा और सब मिलकर इस समस्या का हल निकालेंगे. इस बात का बहुत असर छात्रों पर नहीं पड़ा. जिस समय राज्यपाल वहां से पूरे इमरजेंसी वार्ड का मुआयना करने के बाद निकल रहे थे तो बाहर खड़े छात्रों ने वी वांट जस्टिस के नारे लगाए.
डर और भय के साये में डॉक्टर
डॉ. रौनिक उस वक्त ईएनटी डिपार्टमेंट में अपनी ड्यूटी कर रहे थे. यह अस्पताल का सेकेंड फ्लोर था. तभी अचानक से भीड़ आयी और चंद मिनटों में सबकुछ तबाह कर दिया. डॉ. रौनिक ने बताया कि भीड़ हिंसक थी लेकिन उन्होंने तोड़फोड़ अधिक किया. उन्होंने कहा कि जो कुछ भी सामने आया उसे तोड़ डाला.
एडमिन ब्लॉक का किया घेराव
बुधवार रात की घटना के बाद से नर्स और दूसरे मेडिकल कर्मचारी भी सकते में हैं. सभी ने गुरूवार को एडमिन ब्लॉक का घेराव किया. यहां की प्रिसिंपल डॉ. सुरहिचता पॉल ने कहा कि उन्होंने सरकार से बात की है और अधिक सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त करने पर चर्चा की गयी है. बावजूद इसके मेडिकल स्टॉफ और डॉक्टरों को प्रिसिंपल के बातों पर भरोसा नहीं है.
कुछ डॉक्टरों को आयी चोट
टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में डॉ. प्रमाणिक ने बताया कि भीड़ काफी उत्तेजित थी. सीधे उन्होंने डॉक्टरों पर अटैक नहीं किया लेकिन तोड़फोड़ के दौरान डॉक्टरों ने अपनी जान बचाने के लिए तेजी से भागे. इस दौरान कुछ डॉक्टरों को हल्की फुल्की चोट जरूर आयी है.
भीड छात्रावास की तरफ बढ़ी
आरजी कर अस्पताल में काम करने वाले प्रशिक्षु डॉ. हसन ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारी छात्रावास की तरफ बढ़े. उन्होंने महिला छात्रावास का भी रूख किया. उस वक्त डर और भय का माहौल अपने चरम पर था. कई लड़कियां वॉट्सएप के माध्यम से मदद का गुहार लगा रही थी.