इलाज में लापरवाही: नर्स की गलती से लड़की ने गंवाया हाथ, अब दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर
जमशेदपुर में स्थित सरकारी अस्पताल में एक लड़की उल्टी-दस्त की शिकायत पर इलाज कराने आई थी. लड़की की हालत खराब देख उसे भर्ती कर लिया गया. इलाज के दौरान नर्स के गलत इंजेक्शन लगाने से लड़की का हाथ काटना पड़ गया.
पूरे देश में इलाज में लापरवाही के चलते कई मरीज अपनी जान गंवा देते हैं. डॉक्टरों की जरा सी गलती मरीज की जीवन लीला समाप्त कर देती है या तो उन्हें ऐसी हालत में छोड़ देती है, जहां से उन्हें आगे की जिंदगी जीना काफी कठिन लगता है. ऐसे ही एक मामला झारखंड के जमशेदपुर में सामने आया है, जहां नर्स की लापरवाही के चलते एक 16 साल की लड़की का हाथ काटना पड़ गया. पीड़ित लड़की ने प्रशासन के सामने न्याय की गुहार लगाई है.
दरअसल, जमशेदपुर में स्थित सरकारी सदर अस्पताल में बीती 27 जुलाई को एक लड़की उल्टी-दस्त की शिकायत पर इलाज कराने आई थी. लड़की की हालत खराब देख उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया गया था. लड़की कीताडीह क्षेत्र की रहने वाली थी. उसका नाम किशोरी कली शर्मा (16) है.
प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार
बीते शनिवार को किशोरी कली शर्मा उपायुक्त विजया जाधव से मिलने उनके ऑफिस पहुंची. यहां किशोरी कली ने न्याय की गुहार लगाते हुए बताया कि उल्टी-दस्त होने पर उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगाने का निर्देश अस्पताल में मौजूद नर्स को दिया था. नर्स ने उसे इंजेक्शन लगा दिया, लेकिन गलत ढंग से इंजेक्शन लगाने के कारण उसका हाथ काटना पड़ा.
लड़की के पिता ने की मुआवजे की मांग
किशोरी कली शर्मा के पिता ने राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि नर्स की लापरवाही के चलते उनकी बेटी की जिंदगी बर्बाद हो गई. उसका एक हाथ चला गया. बेटी के इलाज पर 9.45 लाख रुपये खर्च हुए हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन उनकी पूरी मदद करे. उन्होंने 9.45 लाख रुपये, नौकरी और मुआवजे की मांग जिला प्रशासन से की है. वहीं इस घटना को लेकर सिविल सर्जन ने पहले ही एक जांच कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास पहुंच चुकी है.
उपायुक्त विजया जाधव ने दी जानकारी
वहीं मामले को लेकर उपायुक्त विजया जाधव ने बताया कि लड़की को मुआवजा दिया जाएगा. मामला बड़ा ही गंभीर है. इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. विजया जाधव ने कहा कि एनजीओ से कृत्रिम हाथ लगवाने का प्रयास किया जा रहा है. पीड़ित लड़की के इलाज में किस स्तर पर गलती हुई है, उसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी.