रूस-यूक्रेन वॉरः हजारों मौतें, शहर-शहर खंडहर… 1 साल बाद कहां खड़ा है युद्ध?

रूस-यूक्रेन वॉरः हजारों मौतें, शहर-शहर खंडहर… 1 साल बाद कहां खड़ा है युद्ध?

इस हफ्ते की शुरुआत में रूस ने परमाणु हथियारों को लेकर अमेरिका के साथ अपनी संधि को भी निलंबित कर दिया है. अभी तक यूक्रेन के पूर्वी शहर बखमुत और वुगलेदार के दक्षिण में और उसके आसपास के इलाकों में तगड़ी लड़ाई देखने को मिली है.

Russia Ukraine War:रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को आज एक साल हो गए हैं. युद्ध अब दूसरे साल में प्रवेश कर गया है. एक साल की जंग में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है. यूक्रेन में शहर के शहर खंडहर बन गए हैं. लाखों लोग पलायन को मजबूर भी हुए. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण करने का आदेश दिया था. जिस समय यह लड़ाई शुरू हुई थी उस समय लगा था कि जल्द ही यूक्रेन रूस के सामने हथियार डाल देगा लेकिन, ऐसा हुआ नहीं. यूक्रेन ने भी युद्ध की चुनौती को स्वीकार किया और कदम आगे बढ़ा लिया.

शुरू में यूक्रेन को बहुत नुकसान हुआ लेकिन, जैसे-जैसे लड़ाई आगे बढ़ी वो मजबूत होता चला गया. यूक्रेन ने उन क्षेत्रों को वापस लेने का प्रयास किया जहां शुरुआती समय में रूस ने कब्जा जमा लिया था. एक साल बाद स्थिति यह है कि रूस यूक्रेन के लगभग पांवचें हिस्से को नियंत्रित कर रहा है. संघर्ष अभी भी जारी है. रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की शांति की किसी भी संभावित वार्ता के लिए एक लकीर खींच चुके हैं.

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क्यों लंबी हो रही लड़ाई?

रूस और यूक्रेन के बीच यह लड़ाई लंबी चलने के लिए पीछे पश्चिमी देशों को जिम्मेदार बताया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका, ब्रिटेन समेत नाटो के कई देश खुलकर यूक्रेन की मदद कर रहे हैं. यूक्रेन को हथियार, गोला-बारूद के साथ-साथ अरबों रुपए की सैन्य मदद उपलब्ध करा रहे हैं. सैन्य मदद की वजह शुरू में रूस के खिलाफ कमजोर नजर आने वाला यूक्रेन पलटवार करते जा रहा है. जिसकी वजह से लड़ाई लंबी खिंचती जा रही है. पश्चिम देशों की ओर से यूक्रेन को मिल रहे मदद को लेकर रूस नाटो देशों पर निशाना साधता रहा है. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई खुले रूप से यह कह चुके हैं कि पश्चिम देश रूस को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जो संभव नहीं है.

रूस ने यूएन के प्रस्ताव बताया यूजलेस

युद्ध के एक साल को चिह्नित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव लाया. जिसमें मांग की गई कि रूस को अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए और लड़ाई बंद करनी चाहिए. प्रस्ताव के पक्ष में 141 वोट पड़े जबकि 32 देश मतदान से दूर रहे. रूस ने यूएन के प्रस्ताव को यूजलेस कहकर खारिज कर दिया. इस प्रस्ताव ने यह भी साबित कर दिया कि यूक्रेन को दुनिया के अधिकतर देशों का समर्थन हासिल है.

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जी-7 नेताओं से मिलेंगे बाइडेन

व्हाइट हाउस ने कहा है कि यूक्रेन के समर्थन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन लड़ाई के एक साल को चिह्नित करने के लिए जी-7 के नेताओं और जेलेंस्की से मिलेंगे और रूस की मदद करने वाले देशों के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा करेंगे. दूसरी ओर पुतिन की युद्ध को और आगे बढ़ाने की योजना है. पुतिन लड़ाई में सारमत मल्टी वारहेड इंटर कंसेशनल बैलिस्टिक मिसाइल की तैनाती की घोषणा कर चुके हैं.